हरियाणा विधानसभा (haryana congress:)के पूर्व स्पीकर और कांग्रेस नेता कुलदीप शर्मा ने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने विधानसभा चुनाव में हार के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदार ठहराया और उन्हें अहम छोड़कर पार्टी की एकता पर ध्यान देने की सलाह दी।
कुलदीप(haryana congress:) शर्मा ने हरियाणा में आगामी नगर निगम चुनावों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि कांग्रेस कई शहरी सीटों पर हार चुकी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पार्टी ने अब भी सुधार नहीं किया, तो समय हाथ से निकल जाएगा।
कांग्रेस नेताओं के आपसी मतभेद पर बोलते हुए कुलदीप शर्मा ने कहा कि पार्टी के नेताओं को अपने अहम और प्रतिष्ठा को त्यागकर साथ बैठकर संवाद करना चाहिए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस से बड़ा कोई नहीं है। अगर किसी को ऐसा लगता है तो उसे कांग्रेस छोड़कर खुद चुनाव लड़कर देखना चाहिए।”
कुलदीप शर्मा ने कहा कि वह कांग्रेस हाईकमान को पत्र लिखकर हरियाणा में पार्टी की स्थिति सुधारने के लिए हस्तक्षेप की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि हाईकमान को सभी नेताओं को एक मंच पर लाकर विचार-विमर्श करना चाहिए, क्योंकि आने वाले 53 स्थानीय निकाय चुनाव पार्टी के लिए अहम हैं।
उन्होंने(haryana congress:) कांग्रेस में हार के बाद जिम्मेदारी लेने के अभाव पर सवाल उठाते हुए कहा, “जीत के अनेकों सौदागर बन जाते हैं, लेकिन हार का कोई जिम्मेदार नहीं होता।” शर्मा ने तंज कसा कि नेताओं को हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, न कि पदों से चिपके रहना चाहिए।कुलदीप शर्मा ने नेताओं की आपसी बयानबाजी और मनमुटाव पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता और जनता दोनों इससे परेशान हैं, लेकिन हर बार हार के बाद केवल कमेटी बना दी जाती है, जिससे कोई ठोस समाधान नहीं निकलता।
कुलदीप शर्मा ने पार्टी में गहन चर्चा और आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर सभी नेता ईमानदारी से एक साथ बैठें तो पार्टी को मजबूत किया जा सकता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या कांग्रेस अपने मतभेदों को सुलझा पाएगी या फिर यह अंतहीन विवाद पार्टी को और कमजोर करेगा?