जनसुराज पार्टी के संस्थापक (BIHAR BPSC:)प्रशांत किशोर ने सोमवार को दावा किया कि बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने हाल ही में संपन्न बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा से जुड़े विवाद को सुलझाने के लिए हस्तक्षेप करने की पेशकश की है। पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किशोर ने कहा कि राज्यपाल की पहल पर एक प्रतिनिधिमंडल दोपहर बाद राजभवन जाएगा और आंदोलनकारी छात्रों की शिकायतें उनके समक्ष रखेगा।
किशोर ने(BIHAR BPSC:) यह भी स्पष्ट किया कि वह अपना आमरण अनशन जारी रखेंगे। स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण उन्हें पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से शनिवार को उन्हें छुट्टी दी गई। उन्होंने कहा, “आदरणीय राज्यपाल ने बीपीएससी परीक्षा विवाद का समाधान निकालने का आश्वासन दिया है। सरकार और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच संवाद स्थापित करने के प्रयास भी किए जाएंगे।”
बीपीएससी उम्मीदवारों का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात करेगा और ज्ञापन सौंपेगा। इसमें उच्चस्तरीय जांच की मांग शामिल होगी, जिसमें आंदोलनकारी छात्रों की शिकायतें और बीपीएससी के दावे जांच के दायरे में होंगे। किशोर ने कहा, “मैं तब तक अनशन पर रहूंगा, जब तक छात्रों की मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाए जाते।”
गौरतलब है(BIHAR BPSC:) कि बीपीएससी द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों को लेकर विवाद गहराया हुआ है। इस मामले में परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों का समर्थन करते हुए किशोर ने आमरण अनशन शुरू किया था।
पुलिस ने उन्हें ‘अवैध’ अनशन करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, लेकिन कुछ ही घंटों में अदालत ने उन्हें बिना शर्त जमानत पर रिहा कर दिया। किशोर ने परीक्षा में अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच और अभ्यर्थियों की मांगों को पूरा करने पर जोर दिया है।