चंडीगढ़।
हरियाणा का खान एवं भूविज्ञान विभाग अवैध खनन (illigal mining) पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठा रहा है। राज्य में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और अवैध खनन गतिविधियों पर रोक लगाने के उद्देश्य से विभाग ने कई सख्त उपाय लागू किए हैं।
अवैध खनन रोकने के लिए विशेष जांच अभियान :
प्रशासन ने खनन स्थलों पर नियमित निरीक्षण और निगरानी बढ़ा दी है। ड्रोन और अन्य आधुनिक तकनीकों का भी उपयोग किया जा रहा है ताकि अवैध गतिविधियों का पता लगाया जा सके। अवैध खनन में शामिल वाहनों को भी जब्त किया जा रहा है। इसके अलावा, अवैध खननकारियों के खिलाफ ना केवल एफआईआर दर्ज की जा रही है बल्कि उनसे जुर्माना भी वसूल किया जा रहा है।
विभागीय अधिकारियों द्वारा लगातार की जा रही निगरानी और ठोस कार्रवाई के चलते राज्य में अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा रहा है।
3,950 स्थानों पर टीम ने की RAID :
जनवरी माह से लेकर अब तक जिला स्तर पर अधिकारियों ने विशेष जांच अभियान चलाया, जिसके तहत 3,950 स्थानों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान अवैध खनन में संलिप्त 324 वाहनों को जब्त किया गया, जिससे करीब 1.37 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
यमुनानगर जिला के भगवापुर गांव में अवैध खनन की शिकायत मिलने पर विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि लगभग 2 एकड़ भूमि पर अवैध रूप से बोल्डर, ग्रेवल, रेत और साधारण मिट्टी का खनन किया गया था। इसके लिए विभाग ने ₹65,37,732 का जुर्माना लगाया और 11 फरवरी 2025 को एफआईआर दर्ज करवाई।
खान एवं भूविज्ञान विभाग की सख्त कार्रवाई :
खनन विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, राज्य में हर जिले में नियमित जांच अभियान चलाए जा रहे हैं। यमुनानगर जिला में जनवरी और फरवरी (10 फरवरी तक) के दौरान कुल 123 वाहन अवैध खनन में संलिप्त पाए जाने पर जब्त किए गए और 116 एफआईआर दर्ज की गईं।
खनन विभाग के उच्चाधिकारियों ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अवैध खनन से जुड़े किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और किसी भी नियम का उल्लंघन होने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विभाग अवैध खनन पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए तत्पर है, जिससे प्राकृतिक संसाधनों का न्यायोचित दोहन सुनिश्चित हो और राज्य को राजस्व हानि न हो।