सिम कार्ड को लेकर सरकार ने नया फैसला ले लिया है। धोखाधड़ी रोकने के लिए सरकार ने सिम कार्ड विक्रेता का पुलिस सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। थोक में कनेक्शन देने का प्रावधान भी बंद कर दिया गया है। अब इसकी जगह व्यवसाय कनेक्शन की नई अवधारणा पेश की जाएगी दूर संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाले विक्रेता पर दस लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। केंद्र सरकार ने ऐसे मामलों पर कार्रवाई करते हुए अब तक 52 लाख मोबाइल कनेक्शन भी बंद कर दिया है और इसके अलावा 67000 सिम कार्ड विक्रेताओं का नाम काली लिस्ट में डाला गया है। 2023 से धोखेबाजी और गड़बड़ी में शामिल सिम कार्ड विक्रेताओं के खिलाफ 300 एफआईआर दर्ज की गई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि व्हाट्सएप ने खुद से धोखाधड़ी के कामों में शामिल लगभग 66000 खातों को ब्लॉक कर दिया है, उन्होंने कहा कि देशभर में लगभग 10 लाख सिम डीलर है।
उम्मीद यही लगाई जा रही है कि सरकार के इस फैसले से फर्जी सिम कार्ड की बिक्री और एक ही नाम या आईडी पर कई सारे सिम कार्ड की बिक्री पर रोक लगेगी इससे इस स्पैमिंग में भी कमी देखने को मिल सकती है, गौरतलब है देश में हर दिन सिम कार्ड स्कैम का खुलासा होता ही रहता है। पुलिस ने एक ऐसे फ्रॉड का भंडाफोड़ भी किया था जिसमें आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल किया गया और सिम कार्ड खरीदा गया पुलिस के मुताबिक एक ही आधार कार्ड पर ₹658 सिम कार्ड जारी किए गए थे और यह सभी सिम कार्ड का इस्तेमाल किया भी जा रहा था तो वहीं तमिलनाडु की साइबर क्राइम ने इसी हफ्ते एक शख्स के पास से एक ही आधार नंबर पर डेढ़ सौ सिम कार्ड बरामद किए हैं पिछले 4 महीना में तमिलनाडु की साइबर क्राइम ने धोखाधड़ी के शक के मामले में पूरे तमिलनाडु में 25135 सिम कार्ड ब्लॉक कर दिए हैं।