लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी ने केंद्रीय स्तर और राज्य स्तर पर भी कुछ बदलाव किए हैं। राजधानी दिल्ली की बात की जाए तो कांग्रेस ने अरविंदर सिंह लवली को एक बार फिर से दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान सौंप दी है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह निर्देश जारी किए हैं, आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष की कमान अनिल कुमार के हाथ में थी। दिसंबर 2022 में हुए निगम चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद से ही अध्यक्ष पद पर बदलाव के प्रयास लगाए जा रहे थे। कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार में अरविंदर सिंह लवली बतौर मंत्री कई विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं, इससे पहले दिसंबर 2013 से फरवरी 2015 तक उन्होंने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाली थी। अरविंदर सिंह लवली के ऊपर कांग्रेस के जनाधार को वापस लौटने की चुनौती है। अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिलने के साथ ही लवली ने सबको साथ लेकर चलने पर जोर दिया है।
अरविंदर सिंह लवली 15 साल तक शीला दीक्षित सरकार में शिक्षा से लेकर पर्यटन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नियुक्ति अब आम आदमी पार्टी और सीएम अरविंद केजरीवाल के किस रणनीति पर आगे बढ़ती है यह देखने वाली बात होगी। क्योंकि प्रदेश कांग्रेस की नेता अलका लांबा पहले ही कह चुकी है कि पार्टी ने कार्यकर्ताओं को सभी सीटों पर तैयार रहने को कहां है और इसी के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच में तलवारे भी खिंच गई थी। हालांकि बाद में कांग्रेस की तरफ से डैमेज कंट्रोल की कोशिश की गई थी और अब ऐसे वक्त में कांग्रेस की कमान अरविंदर सिंह लवली को देना सियासी जानकार तो यही कहते हैं कि कांग्रेस पूरी तरह से अपना संगठन मजबूत कर लोकसभा चुनाव में उतरना चाहती है।
गौरतलब है कि अरविंदर सिंह लवली दिल्ली के कद्दावर नेता रहे हैं उनकी सिख समुदाय में भी अच्छी पैठ मानी जाती है अरविंदर सिंह लवली कांग्रेस के चार बार विधायक भी रहे हैं। 1998 में वह पहली बार दिल्ली के गांधीनगर से विधायक बने थे, साल 2019 में अरविंदर सिंह लवली ने पूर्वी दिल्ली से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था। अरविंदर सिंह लवली 2017 में नगर निगम चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे माना जा रहा था कि पार्टी में उपेक्षा के बाद उन्होंने यह कदम उठाया था लेकिन बीजेपी के साथ उनका सफर लंबा नहीं चल पाया और एक साल के अंदर ही उन्होंने पार्टी में घर वापसी कर ली राहुल गांधी से मुलाकात के बाद अरविंद सिंह लवली ने कांग्रेस पार्टी में वापसी कर निर्णय लिया था।