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मानव श्रम पर खतरा बनकर मंडराता एआई चैटबॉट

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क्या आने वाले दिनों में शिक्षक, मिस्त्री, नर्स, डॉक्टर, सैनिक, पुलिस जैसी नौकरियों में इंसानों की भर्ती नहीं होगी? दुनिया के लगभग सभी देशों में इंसानों की जगह एआई चैटबॉट काम करेंगे? यह सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि इसका आगाज हो चुका है। हो सकता है कि दस-बीस साल बाद पूरी दुनिया का रंग ही बदल जाए।

पूंजीपति अपने कल-कारखानों में इंसानी मजदूर, मैनेजर और अन्य कर्मचारियों की भरती करने की जगह दस-बीस, सौ-पचास एआई चैटबॉट खरीद ले या बनवा ले और धड़ल्ले से अपना कारखाना चलाए। कहने का मतलब यह है कि निकट भविष्य में मानव श्रम पर बहुत बड़ा संकट मंडराने वाला है। तो फिर इंसान कहां जाएगा? यही वह सवाल है, जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं है।

ब्रिटिश बोर्डिंग स्कूल काट्समोर ने अबिगेल बैली को अपनी नई प्रिंसिपल हेड टीचर नियुक्त किया है। यह अबिगेल बैली कोई इंसान नहीं हैं। सरल शब्दों में कहें तो यह एक किस्म का रोबोट है यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट। इसी स्कूल ने जेमी रेनर को नियुक्त किया है जो एआई तकनीक के हेड होंगे। जेमी भी एआई चैटबॉट हैं। ब्रिटेन में पिछले कुछ दिनों से एआई चैटबॉट का उपयोग बढ़ा है। स्कूलों ने तो धड़ल्ले से इनका उपयोग भी करना शुरू कर दिया है। ये मशीनी रोबोट शिक्षकों के पाठ्यक्रम, उनके नोट्स तैयार करेंगे। शिक्षा से जुड़े जितने भी काम हैं, ये एआई चैटबॉट उसे पूरा करेंगे। इनमें जिस तरह की प्रोग्रामिंग की गई है, ये धीरे-धीरे खुद को अपग्रेड करते जाएंगे। यह शायद पहली बार है कि ब्रिटिश बोर्डिंग स्कूल काट्समोर में बड़े पदों पर सीधे चैटबॉट तैनात किए जा रहे हैं जिन पदों पर पहले इंसान भर्ती किए जाते थे।

ब्रिटेन में शुरू हुआ यह प्रयोग बहुत जल्द पूरी दुनिया में अपनाया जाने वाला है। मानव श्रम की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि यह एक निश्चित समय के बाद थकने लगता है, काम के घंटे भी तय हैं, महीने के अंत में तनख्वाह भी देनी पड़ती है, इंक्रीमेंट, प्रमोशन भी झंझट है, लेकिन चैटबॉट को बनाने में लगने वाली पूंजी के बाद इस पर कुछ इन्वेस्ट नहीं करना पड़ेगा। यह चौबीस घंटे सातों दिन लगातार काम कर सकता है। पूंजीपतियों को मुनाफा कमाने के लिए इससे बेहतर विकल्प और क्या चाहिए? ये एआई चैटबॉट हड़ताल भी नहीं करेंगे। असल में दुनिया में कुछ आविष्कार को छोड़कर सबने श्रम की महत्ता को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मानव सभ्यता के सबसे बड़े और क्रांतिकारी खोज पहिये ने सब कुछ बदलकर रख दिया।

पहिया कुम्हार के चाक से लेकर बड़े-बड़े कल-कारखाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। यातायात में तो अभूतपूर्व परिवर्तन आया। समाज की उन्नति को जैसे पंख लग गए। लेकिन जैसे-जैसे समाज बढ़ा, उन्नति करता गया, उसने मानव श्रम की महत्ता पर कुठाराघात करना शुरू कर दिया। दस आदमियों का काम जब एक कंप्यूटर करने लगा, तो मानव श्रम घटने लगा और कंप्यूटर बढ़ने लगे। दुनिया में हजारों ऐेसे आविष्कार हुए जिन्होंने लोगों को बेरोजगार बनाना शुरू कर दिया। एआई चैटबॉट तो अब पूरे मानव समाज पर खासतौर पर मानव श्रम पर एक तरह से खतरा बनकर मंडराने लगा है।

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