नशा किसी भी किस्म का हो, शरीर को नुकसान ही पहुंचाता है। शराब, तंबाकू, सिगरेट, कोकीन या दूसरे किस्म का नशा हो, व्यक्ति इसका आदी होने के बाद कुछ सोचने समझने लायक नहीं रह जाता है। कई बार नशे में लोग जघन्य अपराध भी कर बैठते हैं। नशे की पूर्ति न होने पर कई बार मारपीट, लूटपाट और यहां तक कि हत्याएं भी होती पाई गई हैं। नशा व्यक्ति के चरित्र को खराब करके रख देती है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूरे प्रदेश को नशा मुक्त बनाने का अभियान छोड़ रखा है। वे पिछले एक सितंबर से 25 सितंबर तक साइक्लोथान रैली का आयोजन पूरे प्रदेश में करवा रहे हैं।
करनाल से एक सितंबर को शुरू हुई साइक्लोथान प्रत्येक जिले में बारी-बारी लोगों को जागरूक करने के लिए आयोजित की जा रही है। सैकड़ों युवा इस रैली में भाग लेकर पूरे प्रदेश को नशा मुक्त करने का अभियान चला रहे हैं। करनाल से शुरू हुई साइक्लोथान रैली अब तक कई जिलों में जा चुकी है। अभी तक जिन-जिन जिलों में यह रैली गई है, वहां हजारों लोगों ने खुले मन से इसका स्वागत किया है। यह मुख्यमंत्री मनोहर लाल की नई सोच और युवाओं के प्रति लगाव का ही नतीजा है कि युवाओं की इस साइकिल रैली को लगातार लोकप्रियता मिल रही है। हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि साइकिल रैली निकालने से कहीं नशा मुक्त होता है कोई। उन लोगों से सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कि कुछ न करने से कुछ करना ज्यादा बेहतर है।
हाथ पर हाथ धरे रहने से भी तो प्रदेश नशा मुक्त नहीं हो पाएगा। ऐसी दशा में यदि कुछ लोग ही साइक्लोथान रैली से प्रेरणा लेकर नशे से दूर हो जाते हैं, इसमें बुराई क्या है? इस रैली में जितने लोगों ने भाग लिया है और जो लोग इनके साथ कुछ दूर तक चले हैं, वे तो कम से कम प्रेरणा लेंगे ही। वैसे भी हरियाणा और पंजाब नशा करने के मामले में काफी आगे माने जाते हैं। कहा जाता है कि शराब, चूरा पोस्त, अफीम जैसे नशीले पदार्थों की सबसे ज्यादा बिक्री पंजाब और हरियाणा में होती है। हुक्का का प्रचलन हरियाणा में प्राचीनकाल से है। यह भी एक तरह का नशा है जिसमें कई किस्म की तंबाकू का उपयोग किया जाता है। यहां तो लोग अगर किसी के घर जाते हैं, तो सम्मान के नाम पर हुक्का पेश किया जाता है। यह बुरी आदत है। हमें इसमें बदलाव लाना होगा।
जगह-जगह खुली शराब की दुकानें, हुक्का बार हमारी नई पीढ़ी को बरबाद कर रही हैं। कई बार खुले मंंचों से मुख्यमंत्री नशीले पदार्थों की लगातार बढ़ती खपत को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं। यह उनकी चिंता का ही परिमाण है कि उन्होंने एक सितंबर से साइक्लोथान रैली का आयोजन शुरू किया जिसका समापन करनाल में ही 25 सितंबर को होगा। प्रदेश सरकार रचनात्मक कार्यों को करने में विश्वास रखती है। साइक्लोथान रैली भी एक रचनात्मक पहल है। इसका स्वागत किया जाना चाहिए और हमारे प्रदेश के युवाओं को शपथ लेना चाहिए कि वे खुद नशा नहीं करेंगे, दूसरों को भी नशा न करने को प्रेरित करेंगे।
संजय मग्गू