हरियाणा, पंजाब, केरल और गुजरात जैसे राज्यों में अधिकतर युवाओं की पहली पसंद विदेश जाकर खूब पैसा कमाना होता है। पंजाब और हरियाणा के युवाओं में यह प्रवृत्ति कुछ ज्यादा ही है। पिछले दो-तीन दशक से लाखों लोग जायज या नाजायज तरीका अपनाकर विदेश जा चुके हैं। युवाओं के विदेश जाने की ललक को ही देखते हुए हरियाणा में फर्जी ट्रैवल एजेंटों की भरमार है। वैसे विदेश जाकर कमाई करना किसी भी रूप में गैरवाजिब नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री और अब केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल के अंतिम दिनों में और वर्तमान सीएम नायब सिंह सैनी के पिछले कार्यकाल में प्रदेश के हजारों युवाओं को इजरायल भेजा गया था। एक वाजिब तरीके से शानदार वेतन पैकेज पर। यहां से भेजे गए युवाओं को वहां की सरकार एक लाख 36 हजार रुपये मासिक वेतन दे रही है। जंग के चलते इजरायल में कामगारों की भारी कमी हो गई है। हमारे देश के विभिन्न राज्यों की सरकारें भी तमाम योजनाओं के जरिये अपने युवाओं को दुनिया भर के देशों में भेजती है और उनको सभी तरह की सुविधाएं मुहैय्या करवाती है। हरियाणा सरकार भी इसमें कतई पीछे नहीं है। इसके बावजूद हमारे प्रदेश के हजारों युवा फर्जी ट्रैवल एजेंटों के चक्कर में फंसकर न केवल आर्थिक रूप से लूटे जाते हैं, बल्कि उनका जीवन भी संकट में पड़ जाता है। कई मामलों में तो यह देखने में आया है कि ट्रैवल एजेंट गैर कानूनी तरीके से अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया आदि देशों में युवाओं को पहुंचाकर उनका पासपोर्ट छीनकर अपने पास रख लेते हैं। उनको बाद में ब्लैकमेल करते हैं। घर वालों से पैसा मंगवाकर उनका शोषण करते हैं। ट्रैवल एजेंटों के चक्कर में फंसे युवा कई बार डंकी रूट पर ही अपना दम तोड़ देते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार फर्जी ट्रैवल एजेंटों के मामले में काफी सख्त रही है। इनके खिलाफ समय-समय पर अभियान चलाए जाते रहे हैं। पिछले छह सालों में फर्जी ट्रैवल एजेंटों और अवैध घुसपैठ के 2606 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। ऐसे मामलों में इसी साल अक्टूबर महीने तक प्रदेश में 578 केस दर्ज किए जा चुके हैं। द हरियाणा रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन आॅफ द ट्रैवल एजेंसीज रूल्स 2024 में धोखाधड़ी करके विदेश भेजने वाले फर्जी एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का प्रावधान किया गया है। ऐसे मामले में अब प्रदेश सरकार ने नए कानून में धोखाधड़ी करके विदेश भेजने वाले एजेंटों के घर, दुकान और अन्य प्रापर्टी को जब्त करने का प्रावधान किया है। सरकार ऐसे मामलों में किसी को भी छूट नहीं देने वाली है, लेकिन ऐसे मामलों में लोगों को खुद भी जागरूक होना होगा। निजी संस्थाओं के बजाय सरकारी संस्थाओं के जरिये विदेश जाना हमेशा सुरक्षित रहता है। भले ही थोड़ी देर हो जाए, कम से कम सुरक्षित तो रहेंगे।
फर्जी ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ युवाओं में जागरूकता जरूरी
संजय मग्गू
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