Wednesday, February 19, 2025
19.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiकर्वे ने महिला शिक्षा की जगाई अलख

कर्वे ने महिला शिक्षा की जगाई अलख

Google News
Google News

- Advertisement -

बोधिवृक्ष
अशोक मिश्र
महिला शिक्षा और विधवा विवाह की देश में अलख जगाने वाले घोंडू केशव कर्वे का जन्म 18 अप्रैल 1858 में महाराष्ट्र के कोंकण जिले के मुरुद गांव में हुआ था। पढ़ने में तेज कर्वे ने 1884 में एल्फिंस्टन कालेज से गणित में डिग्री हासिल की थी। बाद में 1891 से 1914 तक कर्वे ने पुणे के फर्ग्यूसन कालेज में गणित पढ़ाया था। सन 1929 में उन्होंने यूरोप, अमेरिका और जापान आदि घूमने का मौका मिला। उन्होंने इन देशों में महिलाओं की दशा देखी, तो उनकी समझ में आ गया कि अपने देश में महिलाओं की हालत सुधारने के लिए बहुत प्रयास करने होंगे। इन यात्राओं के दौरान अपने देश में महिलाओं के लिए खोले गए विश्वविद्यालय के लिए विदेश में धन संचय किया। सन 1916 में उन्होंने एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। अनाथ बच्चियों के लिए उन्होंने अनाथ बालिकाश्रम भी शुरू किया था। कहा जाता है कि कर्वे के दादा-परदादा कभी महाराष्ट्र की रियासतों के राजाओं को जरूरत पड़ने पर कर्ज दिया करते थे। लेकिन कालांतर में वह गरीब होते गए और जब केशव कर्वे का जन्म हुआ, तब तक कर्वे परिवार काफी गरीब हो चुका था। यही वजह है कि बचपन में केशव कर्वे को अपने परिवार की मदद के लिए पत्तल आदि बनाकर बेचना पड़ा। एक बार की बात है। बड़ौदा के महाराज विद्यार्थियों को दक्षिणा के रूप में दस-दस रुपये बांट रहे थे। कर्वे के मित्र ने आकर जब यह जानकारी दी, तो उन्होंने अपने भाई भीकू के साथ वहां जाने की मां से अनुमति मांगी। तब मां ने कहा कि तुम्हें दूसरे के दान पर कभी निर्भर नहीं रहना चाहिए। तुम दूसरों की सहायता करो, लेकिन किसी से मदद मत लो। यह बात धोंडू केशव कर्वे ने जीवन भर याद रखी।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

Recent Comments