संजय मग्गू
महात्मा गांधी जितना महत्वपूर्ण देश की स्वाधीनता को मानते थे, उतना ही महत्व वह व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वच्छता को देते थे। यही वजह है कि वह जहां भी रहते थे या जाते थे, उस स्थान की स्वच्छता का जिम्मा वह खुद लेते थे। उन्हें सफाई करने में भी कोई हिचक नहीं होती थी। यह तक कि वह शौचालय साफ करने में भी पीछे नहीं रहते थे। मानव जीवन में स्वच्छता बहुत जरूरी है। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने पिछली 2 अक्टूबर से स्वच्छता ही सेवा अभियान चला रखा है। देश भर में समाज सेवी संस्थाएं, शिक्षण संस्थाएं और राजनीतिक संगठनों ने स्वच्छता को लेकर अभियान चला रखा है। हरियाणा में भी यह अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन इसके जो परिणाम दिखने चाहिए, वह नहीं दिखाई दे रहे हैं। इसको लेकर सीएम नायब सिंह सैनी चिंतित हैं। 24 अक्टूबर को जिला नगर आयुक्तों और नगर निगम आयुक्तों के साथ हुई बैठक में उन्होंने स्वच्छता के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि एक महीने बाद किसी भी नगर में सड़कों या गलियों में उन्हें कूड़े का ढेर नहीं दिखना चाहिए। नगर की सड़कें और गलियां पूरी तरह साफ होनी चाहिए। सीएम का सफाई को लेकर अपनाया गया रवैया वाकई सराहनीय है। सीएम सैनी स्वच्छता रैंकिंग में हरियाणा को टॉप पर देखना चाहते हैं। इसके लिए जरूरी है कि प्रदेश के शहर पूरी तरह साफ-सुथरे दिखाई दें। सड़कों और घरों के आसपास लगे कूड़े के ढेर शहर की सूरत पर एक बदनुमा दाग की तरह दिखाई देते हैं। पिछले साल जब पूरे देश के स्वच्छता रैंकिंग की घोषणा की गई थी तो उस सूची में हरियाणा का 14वां नंबर रहा था। हरियाणा को कुल मिलाकर 1958.01 स्कोर हासिल हुआ था। सीएम सैनी शायद प्रदेश को स्वच्छता रैंकिंग में टॉप फाइव में देखना चाहते हैं। उसके बाद वह अपने प्रदेश को पहले या दूसरे स्थान पर स्थिर रखना चाहते हैं। यदि सैनी ऐसा चाहते हैं, तो इसमें बुरा क्या है? लेकिन इसके लिए सबको बराबर प्रयास करना होगा। अधिकारियों को एक टीम की तरह काम करना होगा। जब तक अधिकारी और कर्मचारी सच्चे मन से पूरे प्रदेश को साफ रखने और राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग प्रतिस्पर्धा में अव्वल आने की भावना से काम नहीं करेंगे, तब तक यह उपलब्धि हासिल कर पाना संभव नहीं है। बैठक में सीएम सैनी ने अधिकारियों को यही संदेश देने की कोशिश की है। इसमें प्रदेश की जनता को भी अपनी सकारात्मक भागीदारी निभानी होगी। पिछले कई सालों से स्वच्छता रैंकिंग में अव्वल रहने वाले मध्य प्रदेश के इंदौर में जनता की सहभागिता से ही यह उपलब्धि हासिल हुई है। प्रदेश की जनता को भी अपने घर को साफ रखने के साथ-साथ सड़कों, पार्कों और सार्वजनिक स्थलों को साफ रखना होगा, तभी यह सपना पूरा होगा।
संजय मग्गू