भारतीय रेल नेटवर्क को एशिया का सबसे बड़ा और विश्व का चौथा सबसे नेटवर्क कहा जाता है। यह भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इसकी वजह है भारतीय रेल का पूरे देश में फैला लगभग 70,000 किमी रेलवे ट्रैक जिस पर प्रतिदिन भारतीय ट्रेनें लगभग एक लाख किमी की दूरी तय करतीं हैं। वहीं इसमें अगर इसमें यार्ड और साइड के ट्रैक को भी मिला लिया जाये तो इसकी लम्बाई लगभग सवा लाख किलोमीटर के ऊपर है। भारतीय रेलवे आज भी परिवहन का सबसे सस्ता और सुरक्षित होने की साथ-साथ प्रतिदिन लगभग 2.5 करोड़ (ढाई करोड़) लोगों की यात्रा का जरिया है। भारतीय रेल देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़कर सभी धर्मों के लोगों को एक साथ लाने का भी काम करता है।
रेल के एक डिब्बे में सभी धर्मों और जातियों के लोग यात्रा करते हैं। आपसी संवाद करके एक दूसरे के बारे में जानते हैं, खाते-पीते हैं और समानता व्यवहार करते हैं। भारतीय रेल परिवहन का सबसे बड़ा साधन है। लाखों लोग रोज रेलगाड़ियों से यात्रा करते हैं। केंद्र सरकारें आजादी के बाद से ही लगातार रेलवे का विकास करती रही हैं। पिछले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यू खुर्जा से न्यू रेवाड़ी के बीच निर्मित विद्युतीकरण डबल लाइन सेक्शन की शुरुआत की। इस रूट पर 14 सौ मीटर लंबी मालगाड़ी एक इंजन से ही चल सकेगी। हालांकि आम तौर पर सात सौ मीटर लंबी मालगाड़ी को ही एक इंजन के सहारे चलाया जाता है।
न्यू खुर्जा से न्यू रेवाड़ी के बीच की 177 किमी की दूरी तय करने में सिंगल इंजन वाली मालगाड़ी को दो घंटे नौ मिनट लगे। न्यू खुर्जा-न्यू रेवाड़ी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की शुरुआत होने से हरियाणा के औद्योगिक विकास में पंख लगने के आसार हैं। इससे प्रदेश के औद्योगिक घराने अपने सामान को कम समय और कम लागत में मंगवा सकेंगे। इस कॉरिडोर का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इस कारिडोर के बीच में आने वाले छह स्टेशनों के भी माल लोड और अनलोड किया जा सकेगा। अभी तक प्रदेश के उद्योगपति अपना माल ट्रकों से लाते और भेजते थे जिससे उनके उत्पाद की लागत बढ़ जाती थी और समय भी काफी खर्च हो जाता था।
अभी तक कोलकाता और मुंबई बंदरगाह से निर्यात को भेजे जाने वाले उत्पाद या विदेश से आयात होकर इन दोनों बंदरगाहों पर आए उत्पाद को पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा तक पहुंचने में दस से पंद्रह दिन लगते थे। अब यहां तक उत्पादों को पहुंचने या भेजने में दो से पांच दिन ही लगेंगे। मालवाहक वाहनों के चलने से प्रदूषण भी बहुत होता था। अब कॉरिडोर की वजह से प्रदूषण पर अंकुश लग सकेगा। नए कारिडोर की वजह से हरियाणा की अर्थव्यवस्था में उछाल आएगा, इसकी उम्मीद की जानी चाहिए। इससे प्रदेश में नए उद्योगों के खुलने की भी संभावना है जिससे नए रोजगार का सृजन भी होगा।
-संजय मग्गू