तकनीक का यदि उचित इस्तेमाल किया जाए, तो वह वाकई बहुत फायदेमंद साबित होता है। जिन दिनों तकनीक का इस्तेमाल बहुत कम या बिल्कुल नहीं होता था, उन दिनों को याद करें, तो लगता है कि जैसे जीवन बहुत आसान हो गया है। एक छोटा सा उदाहरण लें। अगर खाते से पैसा निकालना हो, तो चेक या विड्राल फार्म भरने के बाद ही बैंक से पैसा निकलता था। इसके लिए बैंक की शाखा तक जाना पड़ता था। इसमें लोगों का काफी नुकसान होता था। लेकिन अब जब विभिन्न तरह के ऐप मौजूद हैं, बैंक खाते से जुड़ी तमाम प्रक्रियाएं आॅनलाइन हो गई हैं, तब सब कुछ बहुत आसान हो गया है। मोबाइल से ही सारे काम हो जाते हैं। पैसा किसी को देना है या किसी से पैसा लेना है, खाते का बैलैंस पता करना है, सब कुछ मोबाइल पर उपलब्ध है।
मनोहर लाल सरकार ने प्रदेश की जनता की सुविधाओं के लिए विभिन्न सरकारी कामकाज को आॅनलाइन कर दिया है। इतना ही नहीं, यदि सरकारी सूचनाओं और सुविधाओं के बारे में जानकारी चाहिए, किसी सरकारी अधिकारी की कार्यशैली से असंतुष्ट हैं, सरकारी कार्यालयों में सुनवाई नहीं हो रही है, जैसी तमाम समस्याओं को हल करने के लिए सरकार ने ऐप्स बनाए हैं। अब मनोहर सरकार ने नई पहल शुरू की है। सभी तरह की समस्याओं के निराकरण और सूचनाओं की जानकारी एक ही ऐप पर हासिल की जा सकती है। इसके लिए मोबाइल नंबर या परिवार पहचान पत्र के जरिये ऐप पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। प्रदेश के नागरिकों को विभाग के अनुसार एवं सरल पोर्टल पर उपलब्ध सेवाओं की जानकारी जन सहायक हेल्म मी ऐप पर देने का प्रावधान किया गया है।
यह भी पढ़ें : आचार्य रामचंद्र ने ठुकराई अंग्रेजों की नौकरी
इस ऐप की खासियत यह है कि आपातकालीन सेवाएं, पुलिस, एंबुलेंस, अग्निशमन, स्वास्थ्य, महिला हेल्पलाइन, बाल हेल्पलाइन, बिल भुगतान, यात्रा, नौकरियां जैसी तमाम सेवाएं इस जन सहायक ऐप पर उपलब्ध हैं। इस ऐप पर कैलेंडर और कार्यक्रम भी उपलब्ध हैं। जिसका उपयोग मोबाइल के सहारे किया जा सकता है। यह तकनीक का बेहतरीन उपयोग है। इसका उपयोग करके प्रदेश के नागरिक बहुत सारी दिक्कतों से बच सकते हैं। जैसे आधार या परिवार पहचान पत्र को विभिन्न सरकारी पोर्टलों से जोड़ देने पर कई तरह की सहूलियत मिल गई।
किसी भी सरकारी कामकाज में अपने बारे में जानकारी देनी है, तो परिवार पहचान पत्र का नंबर डाल दीजिए, सरकारी कार्यालय को आपके बारे में सारी जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। इसके लिए किसी तरह का दस्तावेज लाने या ले जाने की जरूरत नहीं है। पीपीपी यानी परिवार पहचान पत्र के प्रारूप को अब तो दूसरे प्रदेशों ने अपनाना शुरू कर दिया है। इसका नतीजा यह हुआ है कि सरकारी कार्यालयों में होने वाली लूटखसोट लगभग खत्म हो गई है। अब सरकारी कार्यालयों के किसी भी नागरिक को चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होती है।
-संजय मग्गू
लेटेस्ट खबरों के लिए क्लिक करें : https://deshrojana.com/