Tuesday, December 24, 2024
14.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in HindiEditorial: गरीब परिवार की लड़कियों की उच्च शिक्षा के खुले द्वार

Editorial: गरीब परिवार की लड़कियों की उच्च शिक्षा के खुले द्वार

Google News
Google News

- Advertisement -

देश रोज़ाना: शिक्षा का उद्देश्य लोगों के भीतर छिपी शक्तियों को बाहर निकालना और समयानुकूल उसके उपयोग का गुर सिखाना है। माना जाता है कि शिक्षा व्यक्ति को समाज में रहने, आचरण करने और अपनी आजीविका कमाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। समाज जितना अधिक शिक्षित होगा, वह उतना ही व्यवस्थित होगा। यही वजह है कि हर समाज में यही होड़ रहती है कि उसके सदस्य शिक्षित हों। वे एक सभ्य नागरिक की तरह रहना सीखें ताकि समाज में अव्यवस्था न हो। शिक्षा स्त्री और पुरुष दोनों के लिए बहुत जरूरी है। प्राचीनकाल में भारत में जब गुरुकुल प्रणाली लागू थी, तब स्त्री-पुरुष समान रूप से शिक्षा हासिल करते थे। अमीर-गरीब सभी स्त्री-पुरुष गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त करते थे। सहशिक्षा लागू थी।

एक ही गुरु लड़के और लड़कियों को एक साथ पढ़ाता था। लेकिन जैसे-जैसे समाज आगे बढ़ता गया, शिक्षा एक व्यवसाय होकर रह गई। अब हालत यह है कि एक बच्चे को पढ़ाने के लिए काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। किसी के यहां अगर तीन-चार बच्चे हैं, तो कमाई का एक बहुत बड़ा हिस्सा बच्चों की पढ़ाई पर ही खर्च हो जाता है। यही वजह है कि गरीब और मध्म आय वर्ग के लोग अपने बच्चों को पढ़ाते समय भेदभाव करते हैं। वह अपने लड़कों की शिक्षा अच्छी से अच्छी दिलाते हैं, लेकिन लड़कियों की पढ़ाई पर उतना ध्यान नहीं देते हैं। लोग इस बात को नहीं समझ पाते हैं कि अगर एक लड़का शिक्षित होता है, तो समाज का सिर्फ एक व्यक्ति शिक्षित होता है। लेकिन अगर एक लड़की शिक्षित होती है, तो एक परिवार शिक्षित होता है। वैसे भी परिवार की धुरी एक महिला होती है। अगर वह शिक्षित है, तो वह अपने बच्चों को अपने से उच्च शिक्षा दिलाने की कोशिश करती है।

वह शिक्षा का मूल्य समझती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कल घोषणा की है कि गरीब आय वर्ग की सभी बच्चियों को कालेज की शिक्षा मुफ्त दी जाएगी। 1.8 लाख से तीन लाख आय वर्ग वाले परिवार की लड़कियों को अपनी कालेज फीस आधी देनी होगी। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि फीस में छूट पाने वाली लड़कियां सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं या निजी स्कूल में। सरकार के इस फैसले से अब गरीब घरों की लड़कियां भी उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगी। दरअसल, होता यह है कि गरीब परिवार अपनी बच्चियों को पढ़ाने में कठिनाई महसूस करता है। छोटी कक्षाओं में तो वे जैसे-तैसे पढ़ लेती हैं, लेकिन हाईस्कूल और इंटरमीडिएट तक पहुंचते-पहुंचते मां-बाप अपनी बेटियों को शिक्षा दिलाने से हाथ खड़े कर देते हैं क्योंकि उच्च शिक्षा में  फीस बहुत ज्यादा लगती है। भारी भरकम फीस दे पाना, उनकी सामर्थ्य से बाहर होता है। अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हें इस समस्या से निजात दिला दी है।

– संजय मग्गू

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

Pm Charan Singh:प्रधानमंत्री मोदी ने चौधरी चरण सिंह की 122वीं जयंती पर अर्पित की श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री (Pm Charan Singh:)नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की 122वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने...

Punjab UP:पुलिस चौकी पर बम फेंकने वाले तीन अपराधी मुठभेड़ में मारे गए

उत्तर प्रदेश के (Punjab UP:)पीलीभीत में सोमवार तड़के जिला पुलिस और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम के साथ हुई मुठभेड़ में गुरदासपुर (पंजाब) में...

हरियाणा में बर्थडे पार्टी में गोलियां मारकर 3 की हत्या: इनमें हिसार की युवती, दिल्ली के 2 युवक शामिल; नई स्कार्पियो में बैठे थे

हरियाणा के पंचकूला में सोमवार तड़के 3 बजे होटल में बर्थडे पार्टी के दौरान पार्किंग में ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। जिसमें नई स्कार्पियो कार...

Recent Comments