बीते अप्रैल माह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऐलानिया कहा था कि जो अधिकारी गरीब एवं पात्र लोगों के राशन कार्ड काटेगा और जो डिपो संचालक या कोटेदार उन्हें सरकार की ओर से मिलने वाले मुफ्त राशन से वंचित करने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। लेकिन, सरकारी राशन में घपलेबाजी करने वाले डिपो संचालक-कोटेदार अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। सीएम फ्लाइंग स्क्वायड ने गत दिवस फरीदाबाद के ग्रीन फील्ड कॉलोनी, श्रद्धानंद बस्ती एवं ओल्ड फरीदाबाद स्थित तीन डिपो में छापेमारी करके बड़े पैमाने पर राशन घोटाला पकड़ा है।
स्क्वायड को जांच के दौरान 147 क्विंटल गेहूं और 821 किलो चीनी कम मिली। मालूम हो कि इससे पहले भी पिछले तीन महीनों के दौरान सीएम फ्लाइंग स्क्वायड द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में मारे गए छापों में कई डिपो में सरकारी राशन वहां उपलब्ध अभिलेखों के सापेक्ष काफी कम पाया गया। कहीं-कहीं तो डिपो संचालक छापेमारी की भनक मिलते ही मौके से भाग खड़े हुए। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने साल 2023 की शुरुआत में एनएफएसए यानी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू किया था।
उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने निर्णय लिया था कि गरीबों को एकीकृत खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अनाज का वितरण जारी रहेगा और उसके लिए कोई पैसा नहीं लिया जाएगा। इससे पहले गरीबों को रियायती दरों पर अनाज दिया जाता था। केंद्र सरकार ने इस प्रावधान में संशोधन करते हुए अगले साल तक के लिए राशन बिल्कुल मुफ्त कर दिया, बावजूद इसके कि फैसले से सरकारी खजाने पर दो लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
गरीबों को समय पर राशन मिलता रहे, इसके लिए केंद्र्र एवं प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए थे कि महा प्रबंधक स्तर पर संबंधित राशन डिपो एवं दुकानों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए। हरियाणा में सीएम फ्लाइंग स्क्वायड यही जिम्मेदारी निभा रहा है, जिसके नतीजे भी आएदिन सामने आ रहे हैं कि कालाबाजारियों के हौसले पस्त हैं। ऐसा इसलिए भी जरूरी है, ताकि गरीबों के हक में बटमारी न हो सके।
संजय मग्गू