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लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर अब कसेगा शिकंजा

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संजय मग्गू
सरकार किसी भी दल की हो, उसका कामकाज अधिकारियों के भरोसे ही चलता है। मंत्री, विधायक या सांसद निर्देश देते हैं और अधिकारी उस काम को अंजाम देते हैं। जब शासन और प्रशासन के बीच अच्छी तरह से तालमेल होता है, तो जनहित के कार्य होते हैं। देश-प्रदेश की जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। जनता खुशहाल रहती है। इन दिनों प्रशासन की लापरवाही को लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बहुत चिंतित हैं। कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री सैनी ने घोषणा की थी कि बहुत जल्दी प्रदेश की सड़कों पर लावारिश पशु नहीं दिखेंगे। सीएम सैनी ने यह घोषणा करते हुए अधिकारियों को तत्काल इस संबंध में कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। लेकिन इस मामले में अब तक कुछ होता हुआ दिखाई नहीं दिया। प्रदेश में लावारिश पशुओं की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर सीएम चिंतित हैं। वे इस तरह की दुर्घटनाओं को बिल्कुल शून्य कर देना चाहते हैं। सीएम की इच्छा बिल्कुल जायज और जनपक्षीय है। उनकी नीयत में कहीं कोई खोट नहीं है, लेकिन अधिकारियों ने सैनी की बात को सुना और एक तरह से अनसुना कर दिया। लावारिश पशु आज भी सड़कों पर दनदनाते हुए घूम रहे हैं। कल यानी सोमवार को ही फरीदाबाद में ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में पुलिस कमिश्नर नदारत रहे। प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य और पर्यावरण मंत्री राव नरवीर को नाराज होकर उपायुक्त से पूछना पड़ा कि क्या कमिश्नर मंत्री से बड़ा होता है? हालांकि उन्होंने डीसी से अनुपस्थित अधिकारियों को नोटिस भेजकर कारण पूछने का निर्देश दिया है। सीएम की बैठकों को गंभीरता से नहीं लेने वाले अधिकारियों को मुख्य सचिव विवेक जोशी ने चेतावनी जारी की है। मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी अतिरिक्त सचिवों, प्रशासनिक सचिवों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि सीएम की बैठकों में लिए गए फैसलों को गंभीरता से न लेने वाले और समय सीमा में फैसलों को कार्यान्वित न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीएम की अध्यक्षता में होने वाली बैठकों का एजेंडा भी समय पर जारी होना चाहिए। दरअसल, अधिकारियों की लापरवाही के चलते होता यह है कि मुख्यमंत्री किसी कल्याणकारी योजना की घोषणा करते हैं। घोषणा के बाद प्रदेश की जनता योजना के क्रियान्वयन की आशा में बैठी रहती है। सीएम की घोषणा सिर्फ एक खबर बनकर रह जाती है। इससे सरकार की छवि जनता में गलत बनती है। लोगों को योजना का लाभ भी समय पर नहीं मिलता है। शासन स्तर पर लोगों के कल्याण के लिए बहुत कुछ करने कई मंशा रहती है, लेकिन प्रशासन स्तर पर लापरवाही के चलते कुछ हो नहीं पाता है। इस बात को सीएम ने बहुत गंभीरता से लिया है।

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