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योगी के बजट का आकार और लक्ष्य दोनों ऐतिहासिक

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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इस समय देश में सबसे अधिक चर्चा में है। भले वो कानून-व्यवस्था की बात हो या अर्थव्यवस्था की। उत्तर प्रदेश सरकार के आठवें बजट में राज्य के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने नरेंद्र मोदी सरकार की तर्ज पर ग्यान यानी गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी पर फोकस रखा है। बजट की सबसे अच्छी बात है कि सरकार ने राजकोषीय घाटे को कम रखा है और बेरोजगारी की दर भी उत्तर प्रदेश में कम हुई है। निश्चित ही यह उत्तर प्रदेश के विकास को नई गति देने वाला बजट है। उत्तर प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है। राज्य की बड़ी आबादी यानी 2.62 करोड़ से अधिक परिवार कृषि पर निर्भर है। इनका विशेष ध्यान बजट में रखा गया है।

खासकर लघु और सीमांत किसानों को नई पेंशन स्कीम एक संबल प्रदान करेगी। यह पुरुष और महिला, दोनों के लिए है जिसमें सरकार ने 3000 रुपये मासिक पेंशन देने की व्यवस्था की है। डार्क जोन में रह रहे किसानों के लिए एक अच्छी बात यह है कि यहां से नए निजी नलकूप कनेक्शन देने पर से सरकार प्रतिबंध हटाने जा रही है, जिससे एक लाख किसानों को सीधा फायदा होने वाला है।

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निराश्रित महिलाओं की पेंशन भी 500 रुपये से बढ़कर एक हजार रुपए प्रतिमाह की गई है। इससे करीब 31.28 लाख निराश्रित महिलाएं लाभान्वित होने वाली हैं। इनके लिए 4073 करोड़ की व्यवस्था की गई है। महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के अंतर्गत भी आगामी वित्त वर्ष में 200 उत्पादक समूह का गठन कर तकनीकी सहयोग प्रदान करने का सरकार ने लक्ष्य रखा है। महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 13 हजार करोड़ से अधिक का बजट रखा गया है। पुष्टाहार कार्यक्रम के लिए 5129 करोड़ की व्यवस्था की है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के मानदेय के भुगतान के लिए 971 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है। कन्या सुमंगला योजना के लिए 700 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।

जब से उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी है, तब से युवाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। खासकर रोजगार के अवसर तेजी से राज्य में पैदा हो रहे हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर हो या अयोध्या धाम, धार्मिक पर्यटन को काफी बल मिल रहा है, जो रोजगार के अवसर बढ़ाने वाला है। बजट में सरकार ने 1750 करोड़ रुपये धार्मिक कॉरिडोर के लिए रखे हैं, जिसका लाभ युवाओं को होगा। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना के तहत पांच लाख रुपये ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराए जाएंगे। रोजगार प्रोत्साहन कोष का गठन किया जाएगा जिसमें ट्रेनिंग, इंटर्नशिप और अपरेंटिसशिप की व्यवस्था की गई है। वाराणसी में राजकीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान, दो मेगा राजकीय आईटीआई, 69 आईटीआई के अपग्रेडेशन होगा।

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अच्छी बात है कि उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर अब 2.4 प्रतिशत रह गई है। वर्ष 2023 में राज्य में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से 40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश उत्तर प्रदेश को मिला, जिससे 1.10 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलेगा। गरीबों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की कई कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं। छह करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले जा चुके हैं। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत गरीबों के बैंक खाता खुलवाने में भी उत्तर प्रदेश सरकार देश में पहले पायदान पर है। राज्य में नौ करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खोले जा चुके हैं। आंकड़ों पर नजर डाले तो वित्त वर्ष 2016-17 में जहां उत्तर प्रदेश की जीडीपी 12 लाख करोड़ रुपए की थी, वो वर्ष 2024-25 में 25 लाख करोड़ यानी दोगुनी से अधिक हो चुकी है। योगी सरकार ने प्रतिव्यक्ति आय को दोगुना करने में भी सफलता प्राप्त की है। महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश देश की नंबर दो की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन चुका है।
(यह लेखक के निजी विचार हैं।)

विनोद पाठक

-विनोद पाठक

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