अभी कोटक महिंद्रा बैंक के अधिकारियों की साइबर ठगों से मिलीभगत और उनकी गिरफ्तारी का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि गुरुग्राम में ही साइबर ठगों को खाता बेचने के आरोप में यस बैंक के तीन अधिकारी गिरफ्तार किए गए हैं। इन बैंक अधिकारियों ने बैंक खाता दो लाख रुपये में बेच दिए थे। इन तीनों अधिकारियों ने फर्जी तरीके से 12 खाते खोले थे। इन लोगों की मदद से साइबर ठगों ने अप्रैल 2023 में एक व्यक्ति से नौ लाख बावन हजार रुपये की ठगी की। यही काम पिछले दिनों पकड़े गए कोटक महिंद्रा के अधिकारी कर रहे थे। ये लोग साइबर ठगों को अपने क्लाइंट के बैंक खाते की पूरी जानकारी उपलब्ध करा देते थे। साइबर ठग खाते को हैक करके या किसी तरह ओटीपी हासिल करके खाते से रकम निकाल लेते थे। लेकिन यस बैंक के अधिकारियों ने फर्जी खाता इसलिए खुलवाया था ताकि ठगी की रकम को इनमें ट्रांसफर किया जा सके।
यस बैंक के अधिकारी सबसे पहले फर्जी नाम और पते के आधार पर खाते खुलवाते थे और उसको आगे साइबर ठगों को ट्रांसफर कर देते थे। इन खातों के बदले इन लोगों को एक अच्छी खासी रकम हासिल होती थी। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन लोगों ने बैंक में कितने खाते खुलवाए और किस-किस को ट्रांसफर किए। नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो की रिपोर्ट बताती है कि हरियाणा के साथ-साथ पूरे देश में साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। वर्ष2022 में देश के 19 महानगरों में 13534 साइबर अपराध से जुड़े मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से 73.4 प्रतिशत यानी 9940 मामले सिर्फ बेंगलुरु में दर्ज किए गए थे। साइबर अपराध का सबसे बड़ा केंद्र देश में बेंगलुरु ही साबित हो रहा है।
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फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन की एक स्टडी के अनुसार, छोटे शहरों में साइबर अपराध कुछ ज्यादा ही बढ़ रहे हैं। छोटे शहरों में लोगों को टारगेट बनाना साइबर ठगों के लिए आसान है। टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म का तेजी से बढ़ता उपयोग साइबर क्राइम करने वालों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने साइबर ठगों की सबसे ज्यादा मदद की है। इन प्लेटफार्मों पर साइबर ठगी में सहायक साबित होने वाले टूल्स काफी कम दामों पर उपलब्ध हैं।
इनकी मदद से साइबर ठग अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। यदि सरकार ने ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अंकुश नहीं लगाया, तो साइबर अपराध को रोकने में शायद बहुत मुश्किल होगी। वैसे हरियाणा सरकार ने साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए काफी प्रयास किए हैं। काफी हद तक ऐसे मामलों में सफलता भी मिली है। लेकिन अभी इस मामले में और प्रयास करने की जरूरत है।
-संजय मग्गू
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