अब लगभग यह तय हो चुका है कि नारी शक्ति वंदन बिल कानून बन जाएगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह लागू कब होगा? राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के के तुंरत लागू करने के जवाब में भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि महिलाओं को इस आरक्षण का लाभ वर्ष 2029 के चुनाव में मिलेगा। अगर तथ्यों के आधार पर बात करें, तो भले ही भाजपा अध्यक्ष नड्डा वर्ष 2029 में इसके लागू होने की बात कर रहे हों, लेकिन इसके आसार तो वर्ष 2031 से पहले लागू होने के नहीं दिखते हैं। दरअसल, वर्ष 2001 में संवैधानिक संशोधन करके 2026 तक लोकसभा के निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या में विस्तार रोक दिया गया है।
भारत में समय-समय पर जनगणना के आधार पर लोकसभा और विधानसभाओं के निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्गठन यानी परिसीमन होता है। वर्ष 2008 में कुछ राज्यों में निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्गठन किया गया था, लेकिन लोकसभा की सीटें 543 ही रहीं, इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। जब वर्ष 2026 के बाद नए सिरे से देश के सभी राज्यों और लोकसभा क्षेत्रों का परिसीमन किया जाएगा,तो इसके लिए जरूरी होगा कि परिसीमन आयोग के पास जनसंख्या के नए आंकड़े हों। भारत में वर्ष 2011 में आखिरी बार जनगणना हुई थी।
वर्ष 2021 में जनगणना होनी थी, लेकिन कोरोना काल के चलते इसे टाल दिया गया था। यह जनगणना कब होगी, इस पर आज तक केंद्र सरकार ने अपना रुख साफ नहीं किया है। कई विपक्षी दलों ने उधर जातीय जनगणना की मांग करके केंद्र सरकार के सिर पर एक नया बवाल खड़ा कर दिया है। अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। नई सरकार कब जनगणना कराने का फैसला करती है, यह उस पर निर्भर है। वर्ष 2026 तक वैसे ही परिसीमन पर संविधान संशोधन के जरिये रोक लगाई जा चुकी है। ऐसी स्थिति में जब तक यह प्रक्रिया शुरू होगी, तब वर्ष 2031 को होने वाली जनगणना का समय नजदीक आ जाएगा। ऐसी स्थिति में या तो पहले जनगणना कराई जाएगी और उसके जो भी परिणाम होंगे, उसको वर्ष 2041 तक लागू माना जाएगा। अथवा वर्ष 2031 में ही जनगणना कराने का फैसला लिया जा सकता है।
जनगणना में भी एक-दो साल तो जरूर लगते हैं। कोई हफ्ते-दो हफ्ते में हो जाने वाली प्रक्रिया तो है नहीं। इससे भी ज्यादा समय लग सकता है। जनगणना पूरी होने के बाद ही परिसीमन आयोग का गठन किया जाएगा। इसका काम शुरू होने में काफी वक्त लगता है। यह पूरे देश में परिसीमन का काम जब शुरू करेगी, तो इसमें कितना समय लगेगा, यह अभी से कोई नहीं बता सकता है।
वैसे भी परिसीमन आयोग को अपनी फाइनल रिपोर्ट देने में तीन से चार साल जरूर लगते हैं। यदि इस आधार पर बात करें, तो वर्ष 2039 से पहले महिला आरक्षण कानून के लागू होने के आसार बनते हैं। कहने का मतलब यह है कि अभी महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का लाभ उठाने के लिए कम से कम पंद्रह-सोलह साल लगें। कहीं ऐसा तो नहीं चुनाव नजदीक आते देखकर केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण कानून का झुनझुना महिलाओं को थमा दिया है, ताकि वे समय असमय बजाती रहें।
संजय मग्गू