पलवल। नैनो यूरिया व नेनो डी.ए.पी. इफको के अनूठे तरल उर्वरक उत्पाद हैं। इससे दानेदार यूरिया व डी.ए.पी. से किसानों को निजात मिलेगी। साथ ही उनका खर्चा घटेगा तथा पर्यावरण मे सुधार होगा व भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी । यही नहीं, विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी। यह बातें कृषि विशेषज्ञ डॉ. महावीर सिंह मलिक ने कहीं। वह शुक्रवार को दुर्गापुर गांव में धान बीज उपचार तथा नैनो यूरिया व नैनो डी.ए.पी. बारे आयोजित किसान गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
इस गोष्ठी में बडी संख्या में किसानों ने भाग लिया। किसानों को नैनो यूरिया व डी.ए.पी. के बारे विस्तार से जानकारी दी गई। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए इफको पलवल के मुख्य क्षेत्र प्रबंधक रोहताश कुमार ने कहा कि नैनो यूरिया सभी प्रकार की फसलों पर एक लीटर पानी में दो से चार मिलीलीटर की दर से मिलाकर छिड़काव करके दानेदार यूरिया से ज्यादा लाभ लिया जा सकता है। नैनो डी.ए.पी. का प्रयोग करने के लिए इसकी 250 मिली लीटर की मात्रा बीज मे मिलाएं तथा शेष 250 मिली लीटर मात्रा फसल बिजाई के 30 से 35 दिन के बाद नैनो यूरिया के साथ मिला कर छिड़काव कर दें । 500 एमएल नैनो यूरिया एक बोरी दानेदार यूरिया तथा 500 एमएल नैनो डीएपी तरल एक बोरी डी.ए.पी. के बराबर काम करता है।
गोष्ठी का संचालन राहुल राणा एस.एफ.ए. पलवल तथा शिव दयाल सिंह इफको ने की। उन्होंने इफको के 100% पानी में घुलनशील उर्वरकों और जैव उर्वरक प्रयोग विधि व महत्व के बारे में बताया। साथ ही सागरिका दानेदार व सागरिका तरल की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर श्री महेंद्र सिंह ,अमरदीप, महावीर, विजेंद्र, नाथी, माबाशी राम, श्यामसुंदर, जगल सिंह, राकेश, अमरजीत आदि किसान मौजूद रहे।