फरीदाबाद। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय सचिव वी. मनीषा ने कहा कि 37वां सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला-2024, 02 फरवरी से 18 फरवरी, 2024 तक आयोजित होने जा रहा है और इसका लक्ष्य अपनी उच्च ऊर्जा और जोश के साथ इतिहास बनाना है। उन्होंने कहा कि 37वें संस्करण में दुनिया भर और पूरे भारत से अभूतपूर्व भागीदारी देखने को मिलेगी। “भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 02 फरवरी, 2024 को दोपहर 3:00 बजे बंडारू दत्तात्रेय, माननीय राज्यपाल, हरियाणा की गरिमामय उपस्थिति में 37वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करेंगी। वहीं मनोहर लाल, हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री, कंवर पाल, माननीय विरासत और पर्यटन, स्कूल शिक्षा, पर्यावरण, वन और वन्यजीव, आतिथ्य और संसदीय कार्य मंत्री, हरियाणा सरकार, कृष्ण पाल, माननीय राज्य मंत्री, बिजली और भारी उद्योग, भारत सरकार,मूलचंद शर्मा, परिवहन, खान और भूविज्ञान, चुनाव और उच्च शिक्षा मंत्री, हरियाणा सरकार, सीमा त्रिखा, एम.एल.ए., बडखल के साथ केन्द्र और प्रदेश सरकार के टूरिज्म सहित अन्य विभागों के अधिकारी गण गणमान्य व्यक्ति इस अवसर की शोभा बढ़ाएंगे।
सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन
हरियाणा सरकार के पर्यटन विभाग प्रधान सचिव एमडी सिन्हा ने कहा कि हस्तशिल्प, हथकरघा और भारत की सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करने के लिए 1987 में पहली बार सूरजकुंड शिल्प मेले की मेजबानी की गई थी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यटन, कपड़ा, संस्कृति, विदेश मंत्रालय और हरियाणा सरकार के सहयोग से सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित, यह उत्सव देश में गौरव और प्रमुखता का स्थान ले चुका है। सौंदर्यपूर्ण माहौल में भारत के शिल्प, संस्कृति और व्यंजनों के प्रदर्शन के लिए यह अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन कैलेंडर है
सूरजकुंड शिल्प मेले के इतिहास में एक बैंचमार्क स्थापित किया गया था। क्योंकि इसे 2013 में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड किया गया था। वहीं 2023 में, यूरोप, अफ्रीका और एशिया के 40 से अधिक देशों ने मेले में भाग लिया।
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37वें अन्तर्राष्ट्रीय सूरजकुडं शिल्प के यह देश हैं भागीदार
एमडी सिन्हा ने कहा कि इस वर्ष लगभग 50 देश मेले का हिस्सा होंगे। जिनमें बोत्सवाना, काबो वर्ड, कोमोरोस, इस्यातिनी, इथियोपिया, गाम्बिया, घाना, गिनी बिसाऊ, केन्या, मेडागास्कर, मलावी, माली, मोजाम्बिक, नामीबिया, नाइजीरिया, साओ टोम प्रिंसिपी, सेनेगल शामिल हैं। सेशेल्स, टोगो, युगांडा, जान्थिया, जिम्बाब्वे, अल्जीरिया, आर्मेनिया, बांग्लादेश, बेलारूस, कांगो, डोमिनिकन, मिस, एस्टोनिया, आयरलैंड, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, लेबनान, मॉरीशस, म्यांमार, नेपाल, रूस, श्रीलंका, सीरिया, थाईलैंड, ट्यूनीशिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, उज़्बेकिस्तान, भूटान, कैमरून और जोर्डन शामिल हैं। वहीं संयुक्त गणराज्य तंजानिया ‘साझेदार राष्ट्र के रूप में भाग लेगा और मेले में अफ्रीका के रंग और जीवंतताएं लाएगा।
गुजरात प्रदेश होगा मेले क थीम स्टेट: नीरज कुमार
सूरजकुण्ड के चीफ़ एडमिनिस्ट्रेटर नीरज कुमार ने बताया कि 37वें अन्तर्राष्ट्रीय सूरजकुडं शिल्प मेले में गुजरात राज्य 37वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला 2024 का थीम राज्य है, जो क्षेत्र के विभिन्न कला रूपों और हस्तशिल्प के माध्यम से अपनी अनूठी संस्कृति और समृद्ध विरासत का प्रदर्शन कर रहा है।
आगंतुकों को गुजरात की महान भूमि से विरासत और संस्कृति का एक टुकड़ा मिलेगा। गुजरात के सैकड़ों कलाकार विभिन्न लोक कलाओं और नृत्यों का प्रदर्शन करेंगे। पारंपरिक नृत्य कला रूपों से लेकर उत्कृष्ट शिल्प तक, यहां विरासत और संस्कृति का गुलदस्ता मौजूद है।
यहां बनाई गई हैं पार्किंग
शिल्पर जुबली गेट के ठीक बगल में एमसीएफ की खोरी भूमि पर 2-3 एकड़ अतिरिक्त पार्किंग स्थान बनाया गया।
फायर ब्रिगेड टीम और मेडिकल टीमें पूरे मेले में किसी भी आपात स्थिति के लिए उपलब्ध रहेगी। सभी महत्वपूर्ण चिंदुओं पर अत्याधुनिक चिकित्सा, अग्नि और आपदा प्रबंधन सुविधाओं के साथ आपदा प्रबंधन योजना/निकासी योजना मौजूद है। बैंक, डिस्पेंसरी, मेला पुलिस नियंत्रण कक्ष और सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष एक केंद्रीकृत स्थान पर स्थित है। ताकि आगंतुकों और प्रतिभागियों को इन आवश्यक सेवाओं तक आसानी से पहुंच मिल सके। दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बेहतर सुविधाएं। मेला परिसर में प्लास्टिक पोलिथीन बैंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
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