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विधायिका एवं न्यायपालिका में अधिकारों को लेकर पिछडे़ वर्ग ने उठाई आवाज

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जींद। पिछडे़ वर्गों के प्रबुद्ध नागरिकों ने जींद में बैठक कर विधायिका एवं न्यायपालिका में आबादी के आधार पर अधिकारों एवं आरक्षण की मांग उठाई है। इसके साथ-साथ प्रदेश में क्रीमीलेयर की आय सीमा 6 लाख रुपये से बढा़कर कम से कम केन्द्र की तर्ज पर 8 लाख रुपये करने एवं अध्यापक पात्रता परीक्षा व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में पिछड़े वर्गों के युवाओं को फीस में छूट देने व आरक्षण, पिछडे़ वर्गों के खाली पडे़ पदों को शीघ्र भरने,पदोन्नति,नौकरियों एवं दाखिलों में अनुपातिक तौर पर आरक्षण का प्रावधान करने, ग्राम पंचायत-स्थानीय निकाय से लेकर लोकसभा (ऊपर) तक देश व प्रदेश में पिछड़े वर्गों को जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने,महिला आरक्षण बिल में ओबीसी की महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की सरकार से मांग की गई है। बैठक में बीसी समाज की जींद जिला स्तर पर नई कार्यकारिणी बनाने का फैसला लिया गया।

16 फरवरी को जींद में जिला स्तरीय की बैठक

इसके लिए 16 फरवरी को प्रातः 11 बजे जींद स्थित जांगिड़ धर्मशाला में पिछड़े वर्गों की जिला स्तरीय बैठक बुलाने का भी फैसला लिया गया। बैठक की अध्यक्षता पिछडा़ वर्ग कल्याण महासभा जींद के पूर्व प्रभारी सूरतसिंह सैन ने की। बैठक का एजेण्डा डीआईपीआरओ रिटायर्ड एवं महासभा के पूर्व महासचिव सुरेन्द्र कुमार वर्मा कोथ ने रखा। उन्होंनें बताया कि हरियाणा में पिछडा़ वर्ग ए की लगभग 32 आबादी है लेकिन विशेषकर पिछडा़ वर्ग “ए” अपने अनुपातिक अधिकारों से वंचित हैं इसलिए ओबीसी के लोगों एवं भावी पीढ़ी के अपने अधिकारों व हितों के लिए एकजुटता के साथ संघर्ष करने की परम आवश्यकता है।

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नई सोच के साथ एकजुट होकर संगठन

इस बैठक में सकारात्मक दृष्टिकोण से नई सोच के साथ एकजुट होकर संगठन व आपसी भाईचारा मजबूत बनाने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया गया ताकि ओबीसी की मांगों एवं अधिकारों की प्रभावी ढंग से पैरवी कर पिछड़े वर्गों के हित सुरक्षित एवं सुनिश्चित किये जा सकें। इस बैठक में पिछडा़ वर्ग कल्याण महासभा जींद के पूर्व प्रभारी सूरतसिंह सैन,पूर्व महासचिव सुरेन्द्र वर्मा, पूर्व उपप्रधान रविन्द्र शास्त्री, एक्टिव सदस्य जोगेन्द्र सिंह जांगडा़ व विजय जांगडा़,सुलतान सिंह आर्य,नरेश कुमार व पिछड़े वर्ग के अन्य सदस्यों ने भी अपने-अपने विचार एवं सुझाव रखे और संगठन की मजबूती के लिए पिछडे वर्गों के अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर फोकस किया गया।

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