देश रोज़ाना: हरियाणा के रेवाड़ी में एक गांव धारूहेड़ा से राजस्थान के भिवाड़ी में केमिकल युक्त पानी छोड़े जाने का मामला सामने आया है। इस मुद्दे को लेकर राजस्थान पर दूसरी एफआईआर दर्ज कराई है। यह एफआईआर नेशनल हाईवे अथॉरिटी के प्रोजेक्ट हेड की तरफ से पुलिस को शिकायत दी गई थी। जिसके बाद सेक्टर-6 थाना पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। दूसरी एफआईआर में किसी का भी नाम शामिल नहीं है। इसमें सिर्फ यह लिखा गया है कि राजस्थान से छोड़े जा रहे दूषित पानी के कारण दिल्ली हाईवे पर डैमेज हुए है।
धारूहेड़ा में बनी कंपनियों के कारण यहां से दूषित पानी निकलता है। जिसका कोई समाधान नहीं किया है। और यह दूषित पानी हाईवे पर आ जाता है। जिसके कारण काफी परेशानी हो रही है। अब तो हाईवे पर भी नुकसान होने लगे हैं। जिसको लेकर अबकी बार दूसरी एफआईआर दी है।
जिसकी वजह से हाईवे के कुछ हिस्से में गहरे गड्ढे बन गए। हाईवे किनारे पानी निकासी को लेकर नाले जरूर बनाए गए है, लेकिन नेशनल हाईवे अथॉरिटी का कहना है कि इतनी बड़ी मात्रा में आने वाले दूषित पानी को निकालने में ये नाले काफी नहीं है। कुछ दिन पहले ही नेशनल हाईवे अथॉरिटी की तरफ से पानी साफ होने के बाद सड़क को दोबारा से बनाया गया था, लेकिन पानी के कारण अब फिर से गड्ढे बन गए।
दरअसल, गुरुग्राम से राजस्थान के कोटपुतली तक सिक्सलेन हाइवे का ठेका मेसर्स विनर कंस्ट्रक्शन कंपनी ने लिया हुआ है। कंपनी ने जुलाई माह में नेशनल हाईवे अथॉरिटी को पत्र लिखते हुए बताया था कि हाईवे पर धारूहेड़ा के पास भिवाड़ी की तरफ से आने वाला गंदा पानी खड़ा हो जाता है। जिसकी वजह से यातायात ही नहीं, बल्कि सड़क भी खराब हो रही है। इसी कारण सड़क पर गड्ढे भी बन गए।
इस पानी को निकालने के लिए बकायदा पंप सेट भी लगाए गए हैं। सड़क रिपेयर करने के बाद फिर से गड्डे बन गए। इसके बाद इस प्रोजेक्ट के हेड धीरज सिंह की तरफ से रेवाड़ी SP सहित अन्य अधिकारियों को शिकायत दी गई। जिसमें ठेकेदार के पत्र का हवाला दिया गया और बताया कि दूषित पानी के कारण सड़क खराब हो रही है।
आज से के महीना पहले यानि 11 जुलाई को हरियाणा पॉल्यूशन डिपार्टमेंट के धारूहेड़ा स्थित क्षेत्रीय कार्यालय की तरफ से भी इसी दूषित पानी को लेकर राजस्थान के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई थी। जिसमें बताया था कि भिवाड़ी की तरफ से आने वाले दूषित पानी के दोनों राज्यों की संयुक्त टीम द्वारा लिए सैंपल फेल हो चुके हैं। ये पानी यहां के वाटर लेवल को भी दूषित कर रहा है।
बावजूद इसके लगातार धारूहेड़ा की सीमा में इस दूषित पानी को छोड़ा जा रहा है। केस दर्ज होने के बाद लगा था कि अब राजस्थान की तरफ से पानी आना रुक जाएगा, लेकिन बरसात के मौसम में उस तरफ से काफी मात्रा में ये पानी छोड़ा गया, जिसकी वजह से धारूहेड़ा में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे।