जिले में इस साल अब तक 28 हत्या और 85 लड़कियों से दुष्कर्म के मामले सामने आ चुके है। हाल ही में एक बच्ची की मौत हो चुकी है। जबकि दूसरी बच्ची की हालत गंभीर होने पर उसे दिल्ली रेफर कर दिया गया था। जहां कई आॅपरेशन के बाद मुश्किल से बच्ची की जान बची है। इन दिल दहलाने वाली घटनाओं के बीच बच्चियों को काउंसलिंग के जरिये इस हादसों से उभाराने का प्रयास जिला बाल संरक्षण काउंसलर अपर्णा कर रही है। ऐसा ही पिछले दिनों देखने को मिला, जब बच्ची को काउंसलर ने खेलने के लिए एक गुड़िया खरीदकर दी। गुड़िया को देखकर नन्ही सात साल की बच्ची बेहद खुश हुई।
दुख दूर करने का प्रयास :
गत छह जून को दुष्कर्म के प्रयास के दौरान बच्ची के चिल्लाने पर आरोपी ने बच्ची के हाथों की नस काट दी। जिसकी वजह से बच्ची बेहोश हो गई। जिसे लोहे के ट्रंक में डालकर, ट्रंक को बेड बॉक्स में रख दिया। ताकि किसी को इसकी भनक न लगे। जिससे बच्ची की हालत खराब हो गई। परिजनों द्वारा बच्ची को बीके सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां से उसे दिल्ली रेफर कर दिया गया। लेकिन वहां उसकी मौत हो गई। इस तरह की दिल दहलाने वाली घटनाएं कम नहीं हो रही है।
इसी तरह गत 23 मई को एक सात वर्षीय बच्ची के संग पड़ोसी किशोर ने अपने घर में दुष्कर्म किया। इस कद्र दरिंदगी की कि बच्ची की ओवरी तक खतरे में पड़ गई। बच्ची के परिजन जब काम से लौटे तो देखा कि बच्ची खून से लथपथ दर्द से तड़प रही थी। पूछताछ में उसने खुलासा किया। जिस पर बच्ची को 23 जून को बीके में भर्ती करवाया गया। जहां 26 जून को बच्ची की हालत में सुधार न होते देखकर बच्ची को दिल्ली के लिए रेफर कर दिया गया। जहां आॅपरेशन के जरिये बच्ची की जान को बचाया जा सका है।
फिलहाल एक जून को बच्ची को घर भेज दिया गया। बच्ची को लगातार अस्पताल बुलाकर उसकी जांच की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ जिला बाल संरक्षण की टीम फोलोअप कर रही है। वहीं बच्ची इस हादसे से इतना सहमी हुई थी कि वह कुछ खा पी भी नहीं रही थी। ऐसे में काउंसलर अपर्णा ने बच्ची के दर्द को कम करने का प्रयास किया और वह काफी हद तक सफल हुई। बच्ची काउंसलर की दी गई गुड़िया के जरिये अपने गम को भूलने का प्रयास कर रही है। इस दौरान जिला बाल संरक्षक और जिला बाल कल्याण विभाग की तरफ से स्पेशल रिलीफ भी परिजनों को उपलब्ध करवाया गया है। ताकि बच्ची के इलाज और उसके खानेपीने का पूरा ख्याल रखा जा सके।
–कविता