Nuh Cow Smuggling Case : फिरोजपुर झिरका की एक प्रतिष्ठित गोशाला में से कार्यरत कर्मचारियों द्वारा गायों की चोरी कर उन्हें गोहत्यारों को बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने इस संदर्भ में गोशाला के दो कर्मचारियों को गोरक्षादल के सदस्य की शिकायत पर रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। सूत्र बताते हैं कि ये कर्मचारी काफी समय से इस घिनौने कृत में लगे हुए थे परंतु हद की बात तो ये है कि इसकी भनक गौशाला समिति को तनिक भी नहीं लगी। इस घटना से क्षुब्ध गोशाला समिति के वरिष्ठ सदस्यों ने इस्तीफे की पेशकस की है।
जानकारी के अनुसार यहां की गोशाला तथा शमशानघाट में तैनात सोनू व ओमप्रकाश नाम के दो कर्मचारियों पर आरोप लगा कि ये दोनों अन्य 4-5 लोगों के साथ मिलकर गोशाला में रखी गई गायों की तस्करी कर उन्हें गोवध करने वाले अपराधियों को बेचते थे। ये आरोपी सोमवार की देर रात भी ऐसा ही कर रहे थे। ये एक पिकअप में गायों को भरकर कहीं ले जा रहे थे, लेकिन इन्हें गोरक्षादल के सदस्य खेमचंद व उसके साथियों ने रंगेहाथों पकड़ लिया। रात्रि में गोशाला से गोवंश को भरकर ले जा रहे इन कर्मचारियों को पुलिस बुलाकर उनके हवाले कर दिया गया।
यह भी पढ़ें : दूषित पेयजल हो रहा सप्लाई, कई बार कर चुके शिकायत फिर भी विभाग मौन
जानकारी के मुताबिक, इनकी तस्करी का यह कोई पहला मामला नहीं था, ये पहला भी ऐसा कई बार कर चुके हैं। अब सवाल ये है कि फिरोजपुर झिरका की इस गोशाला को गायों के सरंक्षण और संवर्धन के लिए मेवात क्षेत्र में सबसे सुरक्षित स्थान माना जाता है, लेकिन बावजूद यहां से गोवंश की तस्करी होना कहीं न कहीं प्रबंधन कमेटी को सवालों के कठघरे में खडा कर रही है। घटना में ये दो आरोपी ही नहीं हैं, इनके अलावा भी इस तस्करी में ओर भी कई लोग शामिल बताए जा रहे हैं। लोगों का मामना है कि यदि इस मामले की निष्पक्षता से जांच हुई तो निश्चित ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। कमेटी की प्रधान मोहन गोयल एडवोकेट ने कहा कि इस मामले में हम सख्त कार्यवाही चाहाते है। इस मामले की जांच हो, आगे से गौशाला प्रबंधन समिति गायों के संरक्षण के लिए गंभीरता से कार्य करेंगी।
लेटेस्ट खबरों के लिए जुड़े रहें : https://deshrojana.com/