कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र की धरा पर पवित्र ब्रह्म सरोवर (Brahma Sarovar) स्थित है जिसको दुनिया के हर कोने से लोग देखने के लिए आते हैं।आस्था की दृष्टि से यदि देखा जाए तो पर्यटकों के लिए यह बहुत ही पवित्र स्थान है क्योंकि मान्यता है कि यहां पर महाभारत का युद्ध हुआ था और यहीं पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को अन्याय के विरुद्ध न्याय की लड़ाई लड़ने हेतु गीता का उपदेश दिया था। पर्यटक पवित्र ब्रह्म सरोवर (Brahma Sarovar) में स्नान करके अपने आप को धन्य मानते हैं, लेकिन ब्रह्मसरोवर (Brahma Sarovar) की व्यवस्था को देखकर ऐसा लगता है कि तीर्थराज ब्रह्मसरोवर (Brahma Sarovar) की देखभाल का जिम्मा जिस भी एजेंसी को दिया होगा वह तीर्थराज ब्रह्म सरोवर (Brahma Sarovar) की व्यवस्था के प्रति गंभीर नहीं है। अक्सर ब्रह्म सरोवर (Brahma Sarovar) के आंतरिक परिसर में आवारा पशु घूमते हुए दिखाई देते हैं।
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ब्रह्म सरोवर की पवित्रता को पहुंच रही ठेस
लगता है कि इनको रोकने वाला कोई यहां नियुक्त नहीं किया हुआ है और वह आवारा गोवंश किसी भी पर्यटक को नुकसान पहुंचा सकते हैं और वह आवारा गोवंश पवित्र तीर्थराज ब्रह्म सरोवर (Brahma Sarovar) की साफ सफाई को भी भंग करते हैं व पर्यटकों के मन में भी आवारा पशुओं को देखकर गलत भावना पैदा होती है और ब्रह्म सरोवर (Brahma Sarovar) की पवित्रता को ठेस पहुंचती है।
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड (Kurukshetra Development Board) को द्वारा आवारा पशुओं की चहल कदमी को रोककर तीर्थराज ब्रह्म सरोवर (Brahma Sarovar) की पवित्रता बहाल रखनी चाहिए ताकि पर्यटकों के मन में तीर्थराज ब्रह्मसरोवर (Brahma Sarovar) के प्रति आस्था और श्रद्धा बनी रहे एवं तीर्थ के अंदर आवारा पशुओं पर रोक लगाकर होने वाली किसी भी घटना दुर्घटना से बचा जा सके।
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