जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं चेयरमैन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण यशवीर सिंह राठौर के दिशा निदेर्शानुसार एवं सुकीर्ति गोयल मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिवजिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता एवं देख रेख में विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस मनाया गया। जिसका आयोजन ताऊ देवीलाल ओल्डएज होम डी ब्लॉक एनआईटी फरीदाबाद में किया गया। इस अवसर पर सुकीर्ति गोयल मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने ओल्डएज में रह रहे बुजुर्गों को बताया कि दुनिया भर में बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है। इसी से उन्हें बचाने और जागरूक करने के लिए हर साल 15 जून को विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस मनाया जाता है। बुजुर्ग दुर्व्यवहार को एकल या बार-बार कार्य या किसी भी रिश्ते में होने वाली उचित कार्यवाही की कमी के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। जहां विश्वास की अपेक्षा होती है जो किसी वृद्ध व्यक्ति को नुकसान या परेशानी का कारण बनती है। बुजुर्ग दुर्व्यवहार एक ऐसी समस्या है जो विकासशील और विकसित दोनों देशों में मौजूद है।
इस अवसर पर रविंद्र गुप्ता पैनल एडवोकेट ने बताया कि स्वास्थ्य और सामाजिक दृष्टि कोण से जब तक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और सामाजिक सेवा दोनों ही समस्याओं की पहचान करने और इससे निबटने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित नहीं है, तब तक बुजुर्गों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार का निदान और अनदेखी जारी रहेगी। यह दिन उन बुजुर्गों के लिए पक्ष में आवाज उठाने के लिए मनाया जाता है जो दुर्व्यवहार से पीड़ित है। इस साल की विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस की थीम सभी उम्र के लिए डिजिटल इक्विटी रखी गई है।
इसके साथ साथ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने ओल्ड एज होम का निरीक्षण किया। वहां पर 60 बुजुर्ग पाए गए। जिनमें 20 महिलाएं थी। उनके रहन-सहन खान पान और मेडिकल सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की जो कि इस होम में ठीक पाई गई और सभी बुजुर्गों को खुश पाया गया तथा उनसे उनकी समस्याओं के बारे में पूछा गया लेकिन किसी ने कोई भी अपनी समस्या मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के सामने ना रखी। इस अवसर पर पैनल एडवोकेट रविंद्र गुप्ता व राजिंदर गौतम उपस्थित रहे।