एनएचएआई द्वारा टोल बैरियर लगवाकर वाहन चालकों से करोड़ों रुपये का टैक्स तो वसूला जा रहा है। लेकिन अन्य सुविधाएं तो दूर वाहन चालकों को साफ सुथरी सड़क भी नसीब नहीं हो रही है। बीती रात हुई बरसात के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह जगह पानी भर गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई स्थानों पर जगह जगह गड्ढे बने हुए हैं। सबसे ज्यादा बुरी स्थिति राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों तरफ बनी सर्विस रोड की है। सर्विस रोड पर भरे पानी और गड्ढों की वजह से वाहन चालकों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। सर्विस रोड से पुल चढ़ने और उतरने वाले ज्यादातर कटों पर पानी भरा हुआ है। लेकिन इन समस्याओं की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। एक तरफ स्मार्ट सिटी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मेट्रो के पिलरों पर चित्र कारी करवा कर शहर को स्मार्ट बनाया गया है। वहीं दूसरी तरफ हाइवे से गुजरते समय जलभराव और गड्ढों का सामना करने वाले लोगों के सामने स्मार्ट सिटी की असलियत उजागर हो जाती है।
नहीं है बरसाती पानी की निकासी
हाइवे पर बरसाती पानी की निकासी की ठोस व्यवस्था आज तक नहीं हो पाई है। बरसाती पानी से जमीन को रिचार्ज करने का पूरा इंतजाम नहीं है। जिससे ज्यादातर बरसाती पानी सीवर में जाकर नष्ट हो रहा है। जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह जगह रैनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने के दावें किए जा रहे थे।कुछ स्थानों पर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे हैं। लेकिन इसके बावजूद पानी सड़क पर खड़ा हो रहा है। बरसात आते ही हाइवे पर जगह जगह जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। हाइवे पर बाटा मोड़ और संतसूर दास मेट्रो स्टेशन के पास पलवल की ओर जाने वाले रास्ते पर बरसात आने पर लंबे समय तक पानी भरा रहता है। बल्लभगढ़ से दिल्ली की ओर जाने वाले रास्ते ही सर्विस रोड पर जगह जगह पानी भरा है। जिससे वाहन चालकों को परेशानी होती है।
हाइवे के चौराहों पर जलभराव
राष्ट्रीय राजमार्ग पर शहर की तरफ से आने वाले सभी रास्तों के चौराहों पर बरसात आते ही पानी भर जाता है। बल्लभगढ़ से दिल्ली जाने वाले रास्ते पर गुडईयर चौक और अजरौंदा चौक के बीच बरसात आने पर कई दिनों तक सर्विस रोड पर पानी भरा रहता है। बरसात आने पर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह जगह पानी तो भर ही जाता है, साथ ही अन्य कई तरह की खामियां उभर कर सामने आती है। बरसात आते ही वाहन चालकों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर सबसे ज्यादा जामकी समस्या का सामना करना पड़ता है। अन्य कई खामियों की वजह से भी राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरने वाले वाहनों को हर रोज परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यदि जल्दी ही इन खामियों को दूर नहीं किया गया तो आने वाले समय में दुर्घटना का खतरा और बढ़ सकता है।
यातायात पुलिस झेलती है मुसीबत
बरसात आने पर यातायात पुलिस को राष्ट्रीय राजमार्ग पर व्यवस्था बनाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। जरा सी बरसात आते ही हाइवे पर वाहन दौड़ने की बजाए रैग-रैग कर चलते हैं। जिससे हाइवे पर लंबाजाम लग जाता है। हाइवे परजाम लगते ही एनआइटी और अन्य इलाकों को हाइवे से जोड़ने वाले पुल भी जाम हो जाते हैं। बीती रात आई बरसात के कारण बल्लभगढ़, अजरौंदा, मुजेसर मोड़ और अन्य चौराहों के पास पानी भरने से सुबह से ही जाम लगना शुरू हो गया था। बिना मौसम की बरसात में जब ऐसी हालत है तो आने वाले बरसात के मौसम में गत वर्ष जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। गत वर्ष बरसात के मौसम में यातायात पुलिस के कर्मचारी आए दिन हाइवे पर गड्ढों को भरने और बरसाती पानी को निकलने को निकालने के प्रयास में जुटी थी।
बरसात पहले करें व्यवस्था
सड़क सुरक्षा संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष एसके शर्मा का कहना है कि बरसात में हाइवे पर पानी भरने से वाहन चलाने में दिक्कत होती है। इसके अलावा पानी भर जाने से सड़क पर जाम की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। खासकर शहर को हाइवे से जोड़ने वाले चौराहों पर जाम की समस्या सबसे ज्यादा होती है। पानी निकासी की व्यवस्था शीघ्र करनी चाहिए।