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लापरवाही या भ्रष्टाचार: आखिर कौन बना रहा है करोड़ों रुपये के एस्टीमेट?

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एफएमडीए, नगर निगम, एचएसवीपी और स्मार्टसिटी प्राइवेट लिमिटेड, इन विभागों के बेशक नाम अलग हैं लेकिन कार्यशैली में कोई अंतर नहीं है। नगर निगम और एचएसवीपी पर भ्रष्टाचार व सरकारी धन के दुरूपयोग के लगातार आरोप लग रहे थे। इसीलिए सरकार ने स्मार्टसिटी प्राइवेट लिमिटेड और एफएमडीए का गठन किया था। लेकिन यह दोनों विभाग भी सरकार धन का दुरुपयोग करने में किसी से पीछे नहीं है। एनआइटी बसअड्डा और रोज गार्डन के बीच से गुजर रही सड़क शुरूआत और अंत में जल भराव की वजह से थोड़ी टूट गई है। शेष सड़क ठीक है। मरम्मत कराने से सड़क दुरूस्त हो सकती है। लेकिन इसके बावजूद निगम ने नई सड़क बनाने का डेढ़ करोड़ का एस्टीमेट बना दिया। इसी तरह तिकोना पार्क से ईएसआई चौक होते हुए एनएच पांच तक जाने वाली सड़क को भी सिर्फ मरम्मत की जरूरत है। एफएमडीए ने इस सड़क निर्माण का करोड़ों का ठेका छोड़ा था। लेकिन करीब 100 मीटर सड़क बनाकर काम बंद कर दिया।

फिजुल में डेढ़ करोड़ का एस्टीमेट

एनआइटी स्थित बसअड्डा और रोज गार्डन के बीच से गुजर रही सड़क राजा नाहर सिंह क्रिकेट स्टेडियम और अरावली गोल्फ क्लब से होते हुए महेंद्रा मॉल के पास सैनिक कालोनी रोड पर आकर मिलती है। तारकौल से बनी इस रोड की हालत करीब करीब ठीक ठाक है। जलभ राव और बस अड्डा की इमारत के निर्माण के दौरान यह सड़क रोज गार्डन के पास करीब 50 मीटर क्षतिग्रस्त हो गई है। अंत में महेंद्र मॉल के पास भी करीब इतना ही हिस्सा जलभराव से कुछ टूट गया है। दोनों क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत करवा दी जाए तो सड़क पूरी दुरूस्त हो सकती है। लेकिन मरम्मत करवाने की बजाए निगम अधिकारी सरकारी धन का दुरूपयोग करने पर तुले हुए हैं। इस सड़क को आरएमसी का रोड बनाने के लिए निगम ने डेढ़ करोड़ रुपये का एस्टीमेट बनाया है।

तिकोना रोड की भी यही कहानी

एफएमडीए ने तिकोना पार्क व्यापार मंडल से ईएसआई चौक, चिमनी बाई चौकसे एनएच पांच मीट मार्केट जाने वाली सडक के निर्माण का ठेका 28 करोड़ 23 लाख रुपये में दिया है। इससे पहले इसका निर्माण वर्ष 2011-12 में नौ करोड़ रुपये से हुआ था। जबकि इस सडक को निर्माण की नहीं बल्कि सिर्फ मरम्मत की जरूरी है। सडक तिकोना पार्क में करीब 100 मीटर के हिस्से में बुरी तरह टूटी थी।इस हिस्से में निर्माण की जरूरत थी। इससे आगे ज्यादातर सडक ठीक ठाक है । अपूर्वा नर्सिंग होम और ईएस आई मेडिकल कॉलेज और अन्य स्थानों की टूटफूट करीब 200 मीटर के आसपास है। इन हिस्सों में सिर्फ मरम्मत की जरूरत है। सडक का बेस पूरी तरह ठीक ठाक बना हुआ है। लेकिन इसके बावजूद एफ एमडीए ने इस सडक को नए सिरे से बनाने का ठेका दे दिया।

दस महीने में नहीं बनी सड़क

एफएमडीए के अधिकारियों ने तिकोना पार्क से एनएच पांच मीट मार्केट तक जाने वाली सड़क का करोड़ों रुपये काठे का तो दिया था। लेकिन दस महीनों में इस सड़क का पूरा निर्माण आज तक नहीं हो पाया है। तिकाना पार्क व्यापार मंडल से तिकोना पार्क सरकारी स्कूल तक मात्र 100 मीटर हिस्से का निर्माण करने में ठेकेदार ने करीब आठ महीने का समय लगा दिया। जब कि इस से आगे सड़क निर्माण करने की जरूरत ठेकेदार द्वारा नहीं समझी गई। जबकि नए हिस्से के ठीक आगे ही सड़क बुरी  तरह से क्षति ग्रस्त है। इस जगह पर बड़े बड़े गड्ढे बने हुए हैं। जिनकी वजह से अक्सर यहां दोपहिया वाहन चालक दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं। बरसात आने पर तो यहां स्थिति और खतरनाक हो जाती है। लेकिन इसके बावजूद एफएमडीए के अधिकारी इस तरफ ध्यान देने की जरूरत महसूस नहीं कर रहे हैं।

विकास की आड़ में दुरुपयोग

समाजसेवी रविंद्र चावला का कहना है कि लोग सडक, पानी और सीवर जैसी सुविधाओं को तरस रहे हैं। विकास के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जाता है। सरकार के करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद मौके पर कुछ भी दिखाई नहीं देता। ठीक ठाक बेस होने के बावजूद सड़कें उखाड़ कर नए सिरे बनाई जा रही है। ऐसे कामों में सरकारी धन का दुरूपयोग होने सेही लोग सुविधाओं को तरस रहे हैं।

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