देश रोज़ाना: हरियाणा के रेवाड़ी जिले में लगातार डेंगू के मामले सामने आते जा रहे है। जिले में हर रोज मरीजों की संख्या 100 के पर पहुंच रही है। इनमें 10 से ज्यादा ऐसे मरीज हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। कई मरीज प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हैं, जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं है। अबकी बार स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी लापरवाही भी देखने को मिली है। जिले में डेंगू के मामले बढ़ने का एक कारण फॉगिंग देरी से शुरू करना भी हो सकता है। वहीं दूसरी तरफ डेंगू के साथ-साथ मलेरिया का भी खतरा बना हुआ है। मलेरिया के 5 केस मिल चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, रेवाड़ी जिले में अभी तक 121 डेंगू के केस मिल चुके हैं। इनमें आधे से ज्यादा 65 केस अकेले रेवाड़ी शहर में मिले हैं, यानि इस बार भी शहर हॉट स्पॉट बनकर उभरा है। राहत की बात यह है कि जितनी तेजी से डेंगू के मरीज मिल रहे हैं, उतनी तेजी से ठीक भी हो रहे हैं।
जुलाई से अब तक स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के रेवाड़ी में 1893 सैंपल लिए हैं। सैंपलिंग बढ़ाने के साथ ही फॉगिंग के काम में भी तेजी लाई गई है। लोगों में प्लेटलेट्स की कमी न हो, इसके लिए ब्लड बैंक में भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा घर में रखे कूलर, गमलों में भरे पानी में लारवा मिलने पर 3650 लोगों को नोटिस भी दिए गए हैं।
हर साल बारिश का सीजन खत्म होते ही स्वास्थ्य विभाग की तरफ से फॉगिंग कराई जाती है, लेकिन इस बार फॉगिंग का काम काफी देर से हुआ। इससे डेंगू के एडीज मच्छर का प्रकोप ज्यादा फैल गया। राहत की बात यह है कि अभी तक डेंगू की वजह से रेवाड़ी में किसी की जान नहीं गई है। जोहड़ और तालाब में गम्बूजिया मछली और तेल डाला गया है।
रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल के डिप्टी CMO डॉ. दीपक वर्मा ने बताया कि सभी तरह का बुखार डेंगू नहीं होता। जांच के बाद चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही अपना इलाज कराएं। डेंगू होने की स्थिति में सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की भी जरूरत नहीं पड़ती है।
उन्होंने बताया कि ऐसे व्यक्ति में डेंगू का खतरा ज्यादा होता है, जिसे पहले डेंगू हो चुका है। उसे सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।