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हादसों को न्यौता दे रहे हैं सड़क किनारे जमीन पर लगे ट्रांसफार्मर

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राजेश दास

एक तरफ बिजली निगम के अधिकारी आधुनिक तकनीकियों को अपनाने के दावें कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ निगम की लापरवाही से स्मार्ट सिटी के लोग बारूद के ढेर पर बैठे हुए हैं। बिजली निगम के अधिकारियों ने शहर में जहां तहां लापरवाही से बिजली के ट्रांसफार्मर लगवाए हुए हैं। कई स्थानों पर बिजली के ट्रासफार्मर लापरवाही से जमीन पर लगाए गए हैं। यहां तक कि अनेक ट्रांसफार्मरों के आसपास बिजली निगम ने फेंसिंग तक करवाने की जरूरत महसूस नहीं की। कई ट्रांसफार्मर सडकों के किनारे जमीन से थोड़ी सी ऊंचाई पर लगे हैं। गलत तरीके से लगवाए गए इन ट्रांसफार्मरों की वजह से शहर में आए दिन हादसे होते रहते हैं। बरसात के दिनों में जानवरों के साथ ही कई बार लोगों की जान तक चली जाती है। आने वाले बरसात के मौसम में जमीन पर रखे ट्रांसफार्मर लोगों के खतरनाक साबित हो सकते हैं। मानव अधिकार आयोग ने बिजली निगम को सुरक्षा की दृष्टि से इन्हें कवर्ड करने के आदेश दिये थे। लेकिन बिजली निगम आदेश तक पर रख दिये।

यहां जमीन पर लगे हैं ट्रांसफार्मर

नियम के मुताबिक ट्रांसफार्मर बिजली के खंबों पर करीब सात से आठ फुट की ऊंचाई पर लगाया जाना चाहिए। ताकि किसी व्यक्ति अथवा पशु के लिए खतरा उत्पन्न न हो। लेकिन बिजली निगम ने नियमों के विपरित शहर के कई हिस्सों में लापरवाही से ट्रांसफार्मर लगवाए हैं। वैसे तो यह यह समस्या शहर के अनेक हिस्सों में हैं। लेकिन एनआईटी में सबसे ज्यादा बिजली के ट्रांसफार्मर जमीन पर रखे हुए हैं। जवाहर कालोनी के 45 फुट रोड, शांति निकेतन स्कूल रोड, ओल्ड प्रैस कालोनी, 60 फुटरोड, गौंछी डेन के किनारे, सेक्टर 24, डबुआ कालोनी में कई स्थानों पर, संजय कालोनी की 33 फुट रोड और कालोनी के कई स्थानों पर, ओल्ड फरीदाबाद में कार खाना बाग इलाके में, पल्ला, सराय ख्वाजा और शहर में ऐसे अनेक स्थान है, जहां जमीन पर सडकों के किनारे बिजली के ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं।

फैंसिंग तक नहीं करवाई जाती

बिजली निगम ने लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करते हुए सभी हदों को पार कर दिया है। निगम द्वारा कुछ स्थानों पर जमीन पर रखे इन ट्रांसफार्मरों के बाहर समुचित रूप से फैंसिंग करवाने की जरूरत तक महसूस नहीं की। ट्रांसफार्मर को जमीन पर रखने के लिए ऊंचा प्लेटफार्म तक नहीं बनवाया गया है। कुछ स्थानों पर निगम की तरफ से लोहे के जाल तो लगाए हैं। लेकिन उनमें से ज्यादातर गल कर टूट चुके हैं। जिसके कारण इसके नजदीक से गुजरते समय कभी भी लोगों के छू जाने का खतरा बना रहता है। लोगों के साथ ही सडक पर रखे ट्रांसफार्मर सडकों पर घूमने वाली गाय और अन्य आवारा पशुओं के लिए काफी खतरनाक है। यदि जल्दी ही बिजली निगम ने इस तरफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो कभी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

ताक पर रखे आयोग के आदेश

बिजली निगम के अधिकारियों की लापरवाही का सिलसिला यहीं पर खत्म नहीं होता। जमीन पर रखे ट्रांसफार्मरों की समस्या को लेकर कई समाचार पत्रों द्वारा कई बार खबरें भी प्रकाशित की गई थी। समाजसेवी अनीश पाल ने अखबारों की कटींग के साथ मामले की शिकायत मानव अधिकार आयोग,  हरियाणा से की थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए मानव अधिकार आयोग ने बिजली निगम को जमीन पर ट्रांसफार्मर न लगाने और ट्रांसफार्मर के चारों तरफ सुरक्षा के इंतजाम करने के आदेश दिये थे। उस समय बिजली निगम ने भी समस्या का जल्द समाधान करने का वायदा किया था। लेकिन बाद में बिजली निगम के अधिकारियों ने मानव अधिकार आयोग के इन आदेशों को ठंडे बस्ते में डाल दिया। बिजली निगम की इस लापरवाही से पहले ही कई जान जा चुकी है, जिससे लगता है निगम को किसी बड़े हादसे का इंतजार है।

जिम्मेदारों पर हो कार्रवाई

समाजसेवी अनीशपाल का कहना है कि जमीन पर रखे ट्रांसफार्मरों की वजह से शहर में इंसान के साथ साथ पशुओं की जान भी अक्सर जाती रहती है। जिसे देखते हुए मानव अधिकार आयोग ने बिजली निगम को ट्रांसफार्मरों के चारों तरफ सुरक्षा के इंतजाम करने के आदेश दिये थे। आदेशों के बावजूद आज भी शहर में जमीन पर ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं।

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