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ऑटोमोबाइल उद्योग में काम करने वाले कामगारों के कौशल को मिलेगी मान्यता

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फरीदाबाद। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कम्युनिटी कॉलेज ऑफ स्किल डेवलपमेंट (सीसीएसडी) ने स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से ऑटोमोबाइल सर्विसिंग में एक वर्षीय बैचलर ऑफ वोकेशन (बी. बोक) पाठ्यक्रम शुरू करने की पहल करने जा रहा है। रिकग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग अर्थात पूर्व शिक्षण की मान्यता के अंतर्गत शुरू किया जा रहा यह पाठ्यक्रम विशेष रूप से स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सेवा केंद्रों में काम करने वाले कुशल कामगारों के लिए डिजाइन किया गया है। स्कोडा ऑटो वोक्सवैगन इंडिया देश में पांच ऑटोमोटिव ब्रांडों के व्यवसायिक संचालन के लिए जिम्मेदार है।

विश्वविद्यालय द्वारा बैठक का आयोजन
पाठ्यक्रम के तौर-तरीकों और इसकी पूरी रूपरेखा पर चर्चा के लिए विश्वविद्यालय द्वारा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया के सहायक महाप्रबंधक मोहन उबाले, डीन (इंस्टिट्यूशन) प्रो. संदीप ग्रोवर, डीन (शैक्षणिक मामले) प्रो. आशुतोष दीक्षित, परीक्षा नियंत्रक प्रो. कोमल कुमार भाटिया, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष प्रो. अरविंद गुप्ता, प्रिंसिपल (सीसीएसडी) डॉ. संजीव गोयल, बी.वोक ऑटोमोबाइल के सहायक प्रोफेसर विमलेश ओझा सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी ने हिस्सा लिया।

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पूर्व शिक्षण की मान्यता दिया जायेगा।
इससे पहले कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने मोहन उबाले का स्वागत किया और विश्वविद्यालय और स्कोडा ऑटो वोक्सवैगन इंडिया के बीच शैक्षणिक सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों और स्कोडा ऑटो वोक्सवैगन जैसे उद्योगों के बीच परस्पर सहयोग अक्सर दोनों प्रतिभागियों के लिए लाभप्रद होता है। यह छात्रों को व्यावहारिक अनुभव, इंटर्नशिप और अनुभवों के अवसर प्रदान करता है, जिससे उद्योग को भी अपनी जरूरत के अनुरूप कौशल कार्यबल प्राप्त होता है। बैठक के दौरान प्रोफेसर संजीव गोयल ने पाठ्यक्रम को लेकर जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस पाठ्यक्रम का लाभ प्रासंगिक कार्य में न्यूनतम तीन साल का अनुभव रखने वाले डिप्लोमा धारकों को होगा जिन्हें पूर्व शिक्षण की मान्यता (आरपीएल) उपरांत दाखिला दिया जायेगा।

डिप्लोमा धारकों को एक वर्ष में पूरा करने का अवसर मिलेगा

इसके तहत योग्य डिप्लोमा धारकों को केवल एक वर्ष में पाठ्यक्रम पूरा करने का अवसर मिलेगा जबकि बी.वोक (बैचलर ऑफ वोकेशन) पाठ्यक्रम की अवधि तीन वर्ष की होती है। इस पहल का उद्देश्य शिक्षा जगत और ऑटोमोटिव उद्योग के बीच मौजूदा कौशल एवं शैक्षणिक अंतराल को खत्म करना है। बैठक को संबोधित करते हुए मोहन उबाले ने कहा कि स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन अपनी ब्रांड वेल्यू के अनुरूप सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता है। अपने डीलरशिप सेवा केंद्रों में चुनौतियों को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि अक्सर कुशल कामगारों को उच्च शैक्षणिक योग्यता न होने के कारण कैरियर प्रगति में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।

समाधान के लिए ही इस पहल की शुरूआत

इसके समाधान के लिए ही इस पहल की शुरूआत की जा रही है ताकि ऐसे कुशल कामगारों को अपनी योग्यता अनुसार बढ़ने और वैश्विक मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिल सके। इससे न केवल ऑटोमोटिव उद्योग के सेवा केंद्रों में कार्यबल का क्षमता निर्माण होगा बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि वे वैश्विक स्तर पर ऑटोमोटिव उद्योग में अपेक्षित मानकों को पूरा करें। बैठक के दौरान प्रो. संदीप ग्रोवर, प्रो. आशुतोष दीक्षित और प्रो. कोमल कुमार भाटिया ने भी पाठ्यक्रम के व्यावहारिक पहलुओं और इसके उद्देश्यों की पूर्ति को सुनिश्चित करने को लेकर बहुमूल्य सुझाव दिये।

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