देश रोज़ाना: हरियाणा सरकार के स्पोर्ट्स फंड्स सर्कुलर को लेकर निजी स्कूलों में हड़कंप मच गया है। नए सर्कुलर में ऐसे बच्चों को भी शामिल किया गया है जो स्पोर्ट्स एक्टिविटी में शामिल नहीं होंगे। इसके बाद भी उन्हें स्पोर्ट्स फंड जमा करना होगा। इस सर्कुलर को लेकर हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कान्फ्रेंस (HPSC) के साथ सभी प्राइवेट स्कूल संचालक भी आ गए हैं।
दोनों संगठनों की ओर से कल यानी सोमवार से प्रदेश भर में शुरू होने वाली डिस्ट्रिक्ट लेवल गेम्स के बायकॉट का ऐलान कर दिया है।
हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से जारी स्पोर्ट्स सर्कुलर में स्कूल में पढ़ने वाले हर बच्चे से स्पोर्ट्स फंड जमा कराने को कहा गया है। इसके साथ ही कुछ जिलों के स्कूलों को पिछले 5 वर्षों के रूके हुए फंड्स भी जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि कोविड काल के दौरान 2 साल तक स्कूलों में कोई भी स्पोर्ट्स एक्टिविटी हुई ही नहीं।
हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कान्फ्रेंस (HPSC) के उपाध्यक्ष प्रशांत मुंजाल ने कहा कि राज्य सरकार की खेल नीति में खामियां हैं, जिसके कारण निजी स्कूलों के छात्र सरकार द्वारा आयोजित खेलों में भाग नहीं ले पाते हैं। विभाग की ओर से जारी पत्र के अनुसार, प्रत्येक बच्चे का खेल फंड जमा करना होगा, जबकि खेल में कुछ ही छात्र भाग लेते हैं। इसके अलावा कुछ जिलों में विभाग ने स्कूलों को पिछले 5 वर्षों की धनराशि जमा करने के लिए कहा है, जबकि कोविड अवधि के दौरान कोई खेल नहीं हुआ था।
HPSC की ओर से कहा गया है कि विभाग द्वारा खेल शुल्क की दरें अतार्किक रूप से तय की गई हैं। स्कूल आमतौर पर छात्रों से खेल शुल्क नहीं लेते हैं। इस मुद्दे पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया गया है। इस बीच, निजी स्कूलों से अनुरोध किया गया है कि वे पैसे जमा न करें, अपने परिसर में खेलों की मेजबानी न करें और अपने कर्मचारियों और छात्रों को खेलों के लिए न भेजें।