जिले की सबसे बड़ी डबुआ सब्जी मंडी में पार्किंग के ठेके की आड़ में लंबे समय से अवैध वसूली का गौरख धंधा चलाया जा रहा है। नियमों के मुताबिक निर्धारित पार्किंग स्थल पर वाहन खड़ा करने पर ही शुल्क वसूला जा सकता है। लेकिन डबुआ सब्जी मंडी में पार्किंग ठेकेदारों द्वारा वाहन खड़ा करने के लिए नहीं बल्कि मंडी में एंट्री करने और यहां तक फल और सब्जी की फड़ अथवा रेहड़ी वालों से भी शुल्क वसूला जाता है। इस बात का खुलासा सीएम फ्लाइंग द्वारा बृहस्पतिवार को मंडी में की गई छापेमारी के दौरान हुआ है। आरोपी निर्धारित शुल्क से भी ज्यादा वसूली कर रहे थे। पार्किंग का शुल्क दिये बिना यदि कोई व्यक्ति मंडी घुसना चाहे तो ठेकेदार के का रिंदें मारपीट करने से भी नहीं चूकते है। कुछ समय पहले ठेकेदार के कारिंदों द्वारा एक युवक और उसकी मां के साथ भी मारपीट की गई थी। मंडी में पिछले कई वर्षो से ठेका चल रहा है। लेकिन पार्किंग आज तक नहीं बनाई गई।
सीएम फ्लाइंग ने किया खुलासा
सीएम फ्लाइंग के डीएसपी राजेश कुमार को सूचना मिली थी कि डबुआ मंडी के पार्किंग ठेकेदार द्वारा अवैध वसूली की जा रही है। इसका पता लगाने के लिए उन्होंने सचिन नामक व्यक्ति और उसके साथी को निजी टैम्पो देकर मंडी में भेज दिया। मंडी के गेट पर खड़े ठेकेदार के लोगों ने पर्ची देकर 40 रुपये ले लिए। जबकि पर्ची 30 रुपये ही लिखे थे। दस रुपये ज्यादा लेने का कारण पूछने पर वे उलझने लगे। तभी सीएम फ्लाइंग की टीम ने पुलिस के साथ आरोपियों को दबोच लिया। पूछताछ करने पर पता चलाकि वे ठेकेदार के कहने पर ज्यादा शुल्क वसूलते है। मंडी में आने वाले साइकिल, बाइक और अन्य वाहनों के साथ रेहड़ी और फड़ लगाने वालों से पार्किंग शुल्क से ज्यादा पैसे वसूलते है। सचिन की शिकायत पर थाना डबुआ ने मामला दर्ज कर लिया है।
पार्किंग की आड़ में एंट्री फीस
डबुआ सब्जी मंडी में पार्किंग की आड़ में सरेआम अवैध वसूली की जा रही है। नियमों के मुताबिक किसी भी जगह पर पार्किंग का ठेका देते समय वाहनों को खड़ा करने के लिए बाजार अथवा परिसर के आसपास कुछ जगह भी निर्धारित की जाती है। पार्किंग बाजारों में लगने वाले जाम से छुटकारा दिलवाने के साथ वाहनों की सुरक्षा के लिए बनाई जाती है। निर्धारित जगह पर वाहन खड़ा करने पर ही शुल्क वसूला जाता है। लेकिन डबुआ सब्जी में पार्किंग के नाम पर सब कुछ इसके विपरित हो रहा है। मंडी के सभी गेटों पर दिन निकलते ही ठेकेदार के कारिंदे कब्जा जमा लेते हैं। जिसके बाद मंडी में साइकिल और रेहड़ी से लेकर जो भी अन्य वाहन घुसता है तो उस से पार्किंग शुल्क वसूला जाता है। मंडी के अंदर कहीं भी वाहन खड़ा करने की छूट होती है।
मिली भगत से चल रहा है खेल
डबुआ सब्जी मंडी में घुसने पर पार्किंग शुल्क देने के बावजूद लोगों को वाहन अपने जोखिम पर खड़े करने पड़ते हैं। ऐसे में कई बार वाहन चोरी तक हो जाते हैं। वहीं दूसरी तरफ अनेक लोग भीड़ भाड़ के बीच अपने वाहनों को लेकर पहुंच जाते है। जिससे अव्यस्था फैलने के साथ ही जाम भी लग जाता है। ऐसे में मंडी में पार्किंग का ठेका होने के बावजूद लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है। ऐसा नहीं है कि मंडी में वाहनों की पार्किंग बनाने के लिए जगह की कोई कमी है। मंडी परिसर में वाहनों की पार्किंग बनाने के लिए लंबी चौड़ी जगह है। लेकिन मार्केट कमेटी द्वारा इस ओर कभी भी ध्यान नहीं दिया गया है। मार्केट कमेटी की लापरवाही का फायदा मंडी में पार्किंग ठेका लेने वाले लोगों द्वारा लंबे समय से उठाया जा रहा है।
मंडी में पहली बार हुई कार्रवाई
डबुआ सब्जी मंडी में पार्किंग ठेकेदार के कारिंदों द्वारा की जाने वाली अवैध वसूली और आम लोगों के साथ मारपीट की शिकायत पहले भी संबंधित अधिकारियों तक पहुंचती रही है। ज्यादातर शिकायतों पर हमेशा लीपापोती ही की जाती रही है। लेकिन पहली बार सीएम फ्लाइंग की टीम द्वारा ठोस कार्रवाई की गई। जिसमें ठेकेदार के कारिंदों द्वारा मार्केट कमेटी के अधिकारियों के नाम भी उजागर किये गए हैं। यदि सीएम फ्लाइंग की कार्रवाई के बाद दर्ज हुए मामले की गहनता से जांच की जाए तो सब कुछ उजागर हो सकता है।
–राजेशदास