देश रोज़ाना: हरियाणा में लगातार इस बार मानसून में काफी बारिश देखने को मिल रही है। 1 दिन में पूरे महीने का पानी बरस रहा है तो कहीं 5 दिनों में सिर्फ एक बूंद पानी भी नहीं बरस रहा। मौसम के पैटर्न में हुए इस बदलाव पर भोपाल के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च पृथ्वी और पर्यावरण स्टडी में पता चला है कि जलवायु परिवर्तन और मौसम घटनाओं के साथ बारिश ने अपनी आदतें बदल ली है इसकी वजह है जीवन से वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैस की मात्रा का बढ़ना।
समुद्री जल तेरी सेवा स्वीकृत हो रहा है जिसके कारण वायुमंडल में ज्यादा पानी की रसायनिक गतिविधि हो रही है इससे ज्यादा बाद में बनते हैं और बहुत तेज बारिश होती है। यही वजह है कि इस बार हिमाचल के पहाड़ों के साथ ही मैदानी इलाकों में बादल फटने की ज्यादा घटनाएं हो रही है जिससे शहरों में अचानक बाढ़ की स्थिति बन रही है और तेज बारिश हो रही है।
पंजाब में कैबिनेट ने यह माना है कि राज्य के 19 जिलों के 1495 गांव सबसे अधिक बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के कारण 44 व्यक्तियों की जान भी जा चुकी है। 391 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 878 का आंशिक नुकसान हुआ है। हरियाणा में 12 जिलों के 1468 गांव में बाढ़ आई है और भारी मात्रा में फसलों का नुकसान हुआ है।
देश का 30% अभी भी अच्छी बारिश के लिए तरस रहा है। मानसून का पूर्व से पश्चिम दिशा में शिफ्ट हो जाने के कारण इससे गुजरात राजस्थान में तेज बारिश हुई है लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार अभी भी सूखे पड़े हैं। बारिश का ज्यादातर पानी नदियों में बहने से ग्राउंड वाटर सर्च नहीं हो पा रहा है।