हसनपुर। यहां से बह रही यमुना नदी का पानी अब इतना प्रदूषित हो गया है कि श्रद्धालुओं की आस्था भी डिगने लगी है। नदी में जलस्तर पर काफी कम है जिससे यहां से नदी छिछले रूप में गुजर रही है। ठीक से डुबकी लगा कर भी नहीं नहा पा रहे। खास बात यह कि इसका प्रदूषित जल देख लोग इसके जल से आचमन से हिचकने लगे हैं। मंगलवार को गंगा दशहरा पर्व पर यहां ऐसा ही नजारा दिखा।
हर साल ज्येष्ठ के महीने की दशमी तिथि को मनने वाले गंगा दशहरा का पर्व पर यमुना नदी में डुबकी लगाने को पहले की तुलना में काफी कम संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। पहले यमुना नदी में दशहरा के दिन लाखो की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने के लिए आते थे। एक दिन पहले से ही हसनपुर व आसपास के गांवों से श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो जाती थी परंतु यमुना नदी का जल प्रदूषित होने से लोगों की यमुना स्नान से आस्था समाप्त होती जा रही है। मंगलवार को यहां पहुंचे कई श्रद्धालु परिवार बिना नहाए ही लौट गए तो कुछ अपने पर इसका जल छिड़क कर रस्म पूरा किया और कुछ ने ही स्नान किया।
पहले यमुना नदी पर हजारो की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने आते थे। अब धीरे -धीरे युमना स्नान की आस्था खत्म होती जा रही जिसका मुख्य कारण यमुना नदी का जल प्रदूषित होना है ।
–रामरती देवी शर्मा ,हसनपुर
यमुना नदी में स्नान करने के लिए आया परन्तु नदी का पानी बहुत दूषित हो गया है इसलिए बिना स्नान किए हुए ही वापिस जाना पड़ रहा है ।
–सुनील कथूरिया ,निवासी हसनपुर
गंगा दशहरा ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है इस दिन गंगा स्नान करने का महत्व होता है लोग आज के दिन गंगा व यमुना नदी में स्नान करते हैं तथा दान कर पुण्य कमाते हैं ।
–टेक चन्द शर्मा ,पुजारी हनुमानजी मन्दिर, कृष्णा कॉलोनी
यमुना नदी हमारी आस्था का प्रतीक है परन्तु यमुना नदी का जल प्रदूषित होने के कारण लोगो का यमुना नदी में स्नान करने से मोह भंग होता जा रहा है सरकार को यमुना नदी जल शुद्धिकरण पर कार्य करना चाहिए ।
–जितेंद्र सिंह एडवोकेट ,भेंडोली