पलवल। गुरुवार को जिला सचिवालय में आपदा का मॉक ड्रिल अभ्यास किया गया और इस दौरान आपदाग्रस्त बिल्डिंग में विभिन्न तलों पर फंसे लोगों को सुरक्षित बचाने का रोमांचकारी अभ्यास का नजारा रहा। आपदा प्रबंधन की इस पूरी प्रक्रिया को सभी अधिकारियों व कर्मचारियों ने लाइव देखा और भविष्य में प्राकृतिक आपदा के समय स्वयं के साथ-साथ दूसरों की जान-माल की सुरक्षा करने में सहायक समस्त तरीकों की जानकारी ली।
एडीसी डा. आनंद शर्मा ने कहा कि सभी आमजन को प्राकृतिक आपदा के समय बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी अवश्य होनी चाहिए ताकि समय रहते भूकंप, बाढ, आगजनी जैसे प्रकोप से जान-माल की सुरक्षा की जा सके। माक ड्रिल के दौरान जिला सचिवालय में सायरन बजने के साथ ही रेस्क्यू करने का कार्य शुरू किया गया। एनडीआरएफ की टीम के साथ इसमें अग्निशमन, पुलिस, जिला रैडक्रॉस सोसायटी और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।
एनडीआरएफ की टीम के निरीक्षक चंदन सिंह ने कहा कि आपदा के समय सर्वप्रथम कंट्रोल रूम में सूचना दी जाती है। इसके पश्चात सभी रेस्क्यू टीम को इंसीडेंट कमांडर आपदाग्रस्त क्षेत्र की स्थिति की जानकारी देते है, उसके बाद रेस्क्यू टीम विक्टिम्स को रेस्क्यू करने के कार्य को आरंभ करती है। बिल्डिंग के तीनों फ्लोर पर मिलने वाले विक्टिम्स को स्टेबलाइज किया गया। रेस्क्यू के दौरान टीम के सदस्यों ने विक्टिम को स्ट्रेचर के माध्यम से रेडक्रॉस प्राथमिक उपचार टीम के पास ले जाकर प्राथमिक उपचार देने के बाद रिस्पॉन्स टाइम के अंदर पहुंची एंबुलेंस के द्वारा उपचार के लिए हॉस्पिटल पहुंचाया।
मॉक ड्रिल अभ्यास के दौरान एडीसी डा. आनंद शर्मा, एसडीएम शशि वसुंधरा, नगराधीश द्विजा, डीएसपी शाकिर हुसैन, जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार बघेल, जिला रैडक्रॉस सोसायटी के सचिव वाजिद अली, लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता नरेंद्र यादव सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों ने मौजूद रहकर आपदा के समय जान-माल की सुरक्षा के लिए बरती जाने वाली सावधानियों और रेस्क्यू में अपनाई जाने वाली तकनीक का अवलोकन किया।