हिमाचल प्रदेश सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत अब उसकी बसों में दूध और सब्जियां ले जाने पर कोई भाड़ा नहीं लिया जाएगा। यह निर्णय उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने 26 नवंबर, 2024 को शिमला में एचआरटीसी के निदेशक मंडल की 158वीं बैठक और बस अड्डा प्रबंधन एवं विकास प्राधिकरण की 70वीं बैठक के बाद लिया। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई और राज्य के परिवहन क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए कुछ बड़े कदम उठाने का फैसला किया गया।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि अब यदि कोई व्यक्ति अपनी बस यात्रा के दौरान दूध और सब्जियां लेकर यात्रा करता है, तो उस पर कोई अतिरिक्त भाड़ा नहीं लिया जाएगा। हालांकि, अगर बस में सामान के साथ कोई यात्री नहीं होता, तो सामान का भाड़ा लिया जाएगा। इस फैसले से खासकर किसानों और दूध उत्पादकों को फायदा होगा, क्योंकि वे बिना किसी अतिरिक्त खर्च के अपने उत्पादों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से पहुंचा सकेंगे।
इसके साथ ही, उपमुख्यमंत्री ने एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया। उन्होंने एचआरटीसी बसों से गुटखा और शराब के विज्ञापन हटाने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अनुबंध उनके सत्ता में आने से पहले किया गया था, लेकिन अब राज्य सरकार ऐसी चीजों का हिस्सा नहीं बनना चाहती जो जनहित में न हों। इस फैसले के बाद एचआरटीसी बसों में अब गुटखा और शराब से संबंधित विज्ञापन नहीं दिखाई देंगे, जिससे यात्रियों को एक बेहतर और स्वस्थ परिवहन अनुभव मिलेगा।
मुकेश अग्निहोत्री ने यह भी जानकारी दी कि राज्य में अब 148 बस मार्ग निजी कंपनियों को दे दिए गए हैं। इससे राज्य परिवहन सेवा में सुधार होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। इसके साथ ही, एचआरटीसी के बेड़े में 327 नई इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। यह कदम राज्य में पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, क्योंकि इलेक्ट्रिक बसों से प्रदूषण कम होगा और यातायात की व्यवस्था में भी सुधार होगा।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इन नए फैसलों से न केवल हिमाचल प्रदेश के परिवहन क्षेत्र में सुधार होगा, बल्कि जनता को भी लाभ होगा। सरकार का उद्देश्य है कि राज्य में परिवहन सेवाओं को अधिक सुलभ और सुरक्षित बनाया जाए, ताकि लोगों को बेहतर यात्रा अनुभव मिल सके।
इस फैसले से न केवल दूध और सब्जी उत्पादकों को मदद मिलेगी, बल्कि हिमाचल प्रदेश की परिवहन सेवाओं में भी सुधार होगा। गुटखा और शराब के विज्ञापनों को हटाने से यात्रियों को बेहतर माहौल मिलेगा, जबकि नई इलेक्ट्रिक बसों से प्रदूषण में कमी आएगी और पर्यावरण को भी फायदा होगा।