संसद के बजट सत्र में शनिवार (10 फरवरी) को सदस्यों ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन पर चर्चा की। चर्चा में हिस्सा लेते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि देश के मुसलमानों से बार-बार देशभक्ति साबित करने को कहा जाता है। उन्होंने यह भी कहा, क्या मैं बाबर, जिन्ना या औरंगजेब का प्रवक्ता हूं?
सदन में अपना बयान पेश करते हुए सांसद ओवैसी ने पूछा कि क्या मोदी सरकार सिर्फ एक समुदाय और एक धर्म की सेवा करती है? क्या 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर का प्रतिष्ठा समारोह एक धर्म की दूसरे धर्म पर जीत थी? ओवैसी ने यह भी कहा कि वह भगवान राम का सम्मान करते हैं लेकिन नाथूराम गोडसे से उतनी ही नफरत करते हैं जिसने उस व्यक्ति की हत्या की जिसके अंतिम शब्द ‘हे राम’ थे।
ओवैसी के आरोपों का जवाब अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल ने दिया
उन्होंने कहा कि सरकारें आती-जाती रहती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 6 दिसंबर को जो हुआ उसका जश्न मनाया गया। सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता कर रहे सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने ओवैसी के इस बयान पर कहा कि 6 दिसंबर को जो हुआ उस पर कोई उत्सव नहीं था बल्कि यह राम मंदिर के उद्घाटन का समारोह था।
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‘वहां एक मंदिर था जिस पर मस्जिद बनाई गई’
ओवैसी के आरोप वाले बयान के जवाब में स्पीकर ने यह भी कहा कि आप (ओवैसी) विद्वान हैं। आप कानून के अच्छे ज्ञाता हैं। उन्होंने कहा कि एएसआई और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने कहा कि वहां एक मंदिर था जिस पर मस्जिद बनाई गई थी।
सदन में जैसे ही औवेसी ने बाबर का जिक्र किया, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे तुरंत अपनी सीट से खड़े हो गए और कहा कि आसन को ओवेसी से ही पूछना चाहिए कि क्या वे बाबर को आक्रमणकारी मानते थे।
‘बाबर को लेकर लगातार किए जाते रहे सवाल’
इस पर ओवैसी ने पलटवार करते हुए पूछा, ”आप (निशिकांत दुबे) पहले ये बताएं कि आप पुष्यमित्र शुंग को क्या मानते हैं। उनके पास मंदिरों को तोड़ने वाली सेना थी। मैं आजादी के इतने सालों के बाद यही बात दोहराता आ रहा हूं कि निशिकांत दुबे असदुद्दीन ओवैसी से बाबर के बारे में पूछते आ रहे हैं। ओवैसी ने यह भी कहा कि आप मुझसे गांधी, नेता जी, जलियांवाला बाग के बारे में पूछ सकते हैं लेकिन नहीं, आप सिर्फ बाबर के बारे में पूछेंगे।
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