देश राेजाना: भारत के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी का मामला पिछले एक साल से मुद्दा बना हुआ है। जिसके बाद यह मामला अब कोर्ट में विचारधीन है। लेकिन अब ज्ञानवापी परिसर में हिन्दुओं को आने पर रोक लगा दी है। यह याचिका इलाहाबाद कोर्ट में विचारधीन है। जिसे कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। इस पर मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सुनवाई की।
शृंगार गौरी मामले में जब तक वाराणसी जिला अदालत में फैसला नहीं आ जाता है। तबतक हिंदुओं के परिसर में आने पर रोक लगा दिया है। ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित रखने का आदेश दिया जाए। ताकि हिन्दुओं की भावना को ठेस ना लगे।
ज्ञानवापी मामले में जनहित याचिका में कहा गया था कि वाराणसी में श्री आदि विश्वेश्वर मंदिर (वर्तमान ज्ञानवापी परिसर) के सदियों पुराने अवशेषों को बचाना है। दावा किया गया था कि विवादित स्थल (सेटलमेंट प्लॉट नंबर 9130 वार्ड और दशाश्वमेघ वाराणसी) पर एक भव्य मंदिर हुआ करता था, जहां भगवान शिव ने स्वयं ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी।
सन् 1669 में मुस्लिम शासक औरंगजेब ने इस मंदिर को नष्ट कर दिया था। कहा गया है कि उक्त मंदिर को नष्ट करने के बाद मुसलमानों ने अनधिकृत रूप से मंदिर परिसर में अतिक्रमण किया और एक संरचना बनाई जो कि कथित ज्ञानवापी मस्जिद है।