भले ही मणिपुर हिंसा का कोई हल निकले या ना निकले, भले ही इस भयावह सच में इंसाफ की मांग को लेकर हर रोज सदन हंगामें की भेंट चढ़ रहा हो, लेकिन जल तो मणिपुर ही रहा है।
और उस हिंसा की आग में जलते हुए मणिपुर पर सियासी मरहम लगाने विपक्षी दलों का गठबंधन जिसे इंडिया कहा जा रहा है, वो अपने दो दिवसीय दौरे पर मणिपुर रवाना हो गया है।
इसी डेलिगेशन का कहना है कि वो मणिपुर हिंसा में जमीनी हालातों को जानने और समझने के लिए वहां जा रहें है। आपको बता दें इस डेलिगेशन में विपक्ष में शामिल हर दल से एक मेंबर सांसद को रखा गया है। कुल मिलाकर 21 सदस्य इस डेलिगेशन में शामिल है।
आपको बता दें इस डेलीगेशन को दो टीमों में बांटा गया है।टीम ए में दस सदस्य है तो वहीं टीम बी में 11 सदस्य है।
अपने दो दिवसीय दौरे में ये डेलिगेशन मणिपुर में हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेगा, हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात करेगा। ये डेलिगेशन राज्यपाल से भी मुलाकात करेगा। दोनों टीमें मणिपुर के पहाड़ी और घाटी दोनों इलाकों का अलग-अलग दौरा करेगी।
जिन इलाकों में सांसदों का दौरा होगा वे है— चुरा चांदपुर इंफाल पूर्व और पश्चिम के राहत शिविर, मोईरंग के राहत शिविर जैसे इलाके शामिल होंगें। सांसद अपनी यात्रा की एक रिपोर्ट तैयार करेंगे और उसके बाद संसद में चर्चा पर रिपोर्ट रखी जाएगी।
आपको बता दें इस डेलिगेशन में कांग्रेस से अधीर रंजन चौधरी, टीमसी से सुष्मिता देव, कनिमोझी डीएमके से, संतोष कुमार सीपीआई से, ए ए रहीम सीपीआईएम से, मनोज कुमार झा आरजेडी से, जावेद अली खान सपा से, डी रविकुमार वीसीके से, थीरु थोल थिरुमावलावन वीसीके से, फूलों देवी नेतम कांग्रेस से शामिल हुई है।
तो वहीं टीम बी में राजीव रंजन सिंह जेडीयू से, गौरव गोगोई कांग्रेस से, पीपी मोहम्मद एनसीपी से, अनिल प्रसाद हेगड़े जेडीयू से,,ईटी मोहम्मद बशीरबशीर आईयूएमएल से, सुशील गुप्ता आम आदमी पार्टी से, अरविंद सावंत शिवसेना यूबीटी से,से, महुआ मांझी जेएमएम से,से, जयंत सिंह रालोद से शामिल हुए है।