हंगामे और बहस के बीच लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी दिल्ली सेवा बिल पास हो गया। इसको लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के एक हफ्ते में आदेश को पलट कर अध्यादेश लेकर आ गए और संसद ने उस अध्यादेश को इस देश का कानून बना दिया जब उन्हें लगा कि हराना मुश्किल है तो चोर दरवाजे से इन्होंने दिल्ली की सत्ता हथियाने की कोशिश की है, इसके साथ ही केजरीवाल ने केंद्र सरकार के लिए कहा कि कानून में लिखा है कि दिल्ली के लोग चाहे जो सरकार बनाएं उसे एलजी ही चलाएंगे सीएम ने आरोप लगाया कि यह कानून इसलिए आया है कि बीजेपी जो बीते 25 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर है उसके आगे भी जीतने की उम्मीद नहीं है वह दिल्ली वालों का काम रोकना चाहती है, जिन राज्यों में सरकार इनकी है वहां कोई काम नहीं हुआ है। सीएम केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह के संविधान में कानून बनाने के अधिकार वाले बयान पर पलटवार किया और कहा कि जनता ने दूसरी सरकारों की शक्तियां चुनने का अधिकार नहीं दिया है। आपको देश की सेवा करने के लिए जनता ने पावर दी है। इसके साथ ही केजरीवाल ने उन राजनीतिक दलों और नेताओं को शुक्रिया कहां है,जिन्होंने लोकसभा और राज्यसभा में इस विधेयक के खिलाफ केजरीवाल का साथ दिया।
तो वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली सेवा बिल पर आम आदमी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अगर अध्यादेश नहीं आता तो घोटाले को बचाने के लिए एक और घोटाला हो जाता क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही महज कुछ ही घंटों में आम आदमी पार्टी सरकार ने सतर्कता विभाग के अधिकारियों का तबादला शुरू कर दिया और आधी रात को घोटालों की फाइल मंगाई गई। इसके साथ ही अमित शाह ने दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही पर भी सवाल उठाए उन्होंने कहा कि जिसका सत्रवासन ही नहीं हुआ है, सिर्फ स्थगित किया जाता है। जब कुछ बोलना है तो तीन घंटे के लिए सदन बुला लेते हैं और लोकतंत्र की बात करते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा की जो कैबिनेट की बात करते हैं लेकिन साल 2022 में उन्होंने केवल छ: बार कैबिनेट बुलाई और 2023 में तो केवल दो बार ही कैबिनेट हुई। दिल्ली सरकार ने इस साल दो ही कैबिनेट बुलाई गई है, इसके साथ ही उन्होंने आपातकाल के दौर पर भी हमला किया और कहा कि यह बिल किसी प्रधानमंत्री को बचाने के लिए नहीं, कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का हक नहीं है, जब ये बिल पर चर्चा कर रहे थे तो मुझे लोकतंत्र समझा रहे थे, अब मैं उनको समझा रहा हूं कि लोकतंत्र क्या है, आपातकाल में तीन लाख से ज्यादा राजनीतिक दल के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था।
इसी तरह से पक्ष विपक्ष ने एक दूसरे पर कटाक्ष किया तीखी तकरार हुई और शायराना अंदाज भी देखने को मिला एक दूसरे पर निशाना साधते हुए लोकसभा के साथ ही राज्यसभा में भी दिल्ली सेवा बिल आखिर पास हो ही गया।
राज्यसभा में भी दिल्ली सेवा बिल पास—
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