नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और सेना की कार्रवाई पर बड़ा बयान दिया है। इस मामले पर उन्होंने गाजा और फिलीस्तीन का उदाहरण पेश करते हुए कहा है कि, बातचीत से ही इस समस्या का समाधान हो सकता है, नहीं तो हमारा भी गाजा और फिलीस्तीन वाला हाल होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर में आतंकवाद खत्म नहीं हुआ है। बल्कि पहले से ज्यादा हो रहा है। आज नफरत इतनी बढ़ गई है कि हिंदू, मुसलमान को लगता है कि हम एक-दूसरे के दुश्मन हैं। पाकिस्तान में नवाज शरीफ वजीरे आजम बनने वाले हैं। वह बातचीत के लिए तैयार हैं तो हमें क्यों नहीं करनी चाहिए।
‘पड़ोसियों से दोस्ती में करेंगे तरक्की’
वहीं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बयान का जिक्र करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि, “दोस्त बदले जा सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं बदले जा सकते। पड़ोसियों से दोस्ती में रहेंगे तो दोनों ही तरक्की करेंगे, अगर दुश्मनी में रहेंगे तो तेजी से आगे नहीं बढ़ पाएंगे। पीएम मोदी के बयान का भी जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि खुद मोदी जी का बयान है कि आज के युग में युद्ध ही केवल विकल्प नहीं है। बाचतीत से ही समस्या का समाधान हो सकेगा। लेकिन वह बातचीत कहां है। अब पकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ बनने वाले हैं, वह बात करना चाहते हैं, तो हम बात क्यों नहीं कर सकते।”
21 दिसंबर को हुआ था आतंकी हमला
बता दें कि 21 दिसंबर को आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में सेना के एक ट्रक और जिप्सी पर घात लगाकर हमला किया था। उस दौरान सेना के 2 वाहनों पर हुए आतंकी हमले में 4 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 3 घायल हुए थे। हमले के बाद भारतीय सेना के जवानों ने भी हमलावरों के खिलाफ तुरंत जवाबी कार्रवाई की थी और कुछ आतंकी मारे थे। इस क्षेत्र में एक महीने के अंदर सेना पर यह दूसरा आतंकी हमला था।
हुए बड़े हमले
राजौरी के बाजीमाल क्षेत्र में 22 व 23 नवंबर 2023 को मुठभेड़ में सेना के दो कैप्टन व तीन जवान शहीद हुए थे।
राजौरी के केसरी हिल क्षेत्र में 5 मई 2023 को आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हुए थे।
पुंछ में 20 अप्रैल 2023 को सैन्य वाहन को घेरकर निशाना बनाया जिसमें पांच जवान शहीद हुए।
पुंछ के भाटाधुलियां से सटे चमरेड़ जंगल में 10 अक्टूबर 2021 को आतंकी हमले में सेना के पांच जवान शहीद हुए।
भाटाधुलियां जंगल में 15 अक्टूबर 2021 को मुठभेड़ में सेना के चार जवान शहीद हुए थे।