पणजी/नई दिल्ली : मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत के दूरदर्शी नेतृत्व में, गोवा सरकार ने ‘वंदे मातरम’ को राष्ट्रीय गीत घोषित किए जाने की 75वीं वर्षगांठ अनूठे अंदाज में मनाई। इस अवसर पर एक ऐतिहासिक और अद्भुत समारोह आयोजित किया गया, जिस मौके पर राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों और शिक्षण कर्मचारियों ने एक साथ, एक ही समय पर राष्ट्रगान गाया। यह अद्वितीय अवसर श्रद्धेय बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित राष्ट्रगान की 150वीं जयंती के साथ भी मेल खाता है, जो भारत की ऐतिहासिक विरासत में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
विकास और विरासत के बीच सही सामंजस्य को दर्शाती है सरकार की पहल
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में, गोवा सरकार की यह पहल विकास और विरासत के बीच सही सामंजस्य को दर्शाती है। वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं है, बल्कि भारत की भावना और सभी को एक साथ लेकर चलने की परंपरा का प्रतीक है, जो हर पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों को संरक्षित करते हुए राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने के लिए प्रेरित करता है।
अद्भुत और अनुठे अवसर का जश्न मनाने के लिए हासिल की ऐतिहासिक उपलब्धि
गोवा सरकार ने इस अद्भुत और अनुठे अवसर का जश्न मनाने के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। दरअसल, पहली बार वंदे मातरम का पूरा गीत एक ही दिन में एक ही समय पर राज्य भर के सभी स्कूलों और कॉलेजों में एक साथ गाया गया। कन्याकुमारी विवेकानंद केंद्र की गोवा शाखा द्वारा आयोजित, पूरे गोवा में वंदे मातरम का समकालिक गायन उस गीत के लिए एक ऐसी श्रद्धांजलि थी, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन को गति दी और स्वतंत्रता के संघर्ष में लोगों को एकजुट किया।
इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने अपने संबोधन में भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में वंदे मातरम के महत्व और आज राष्ट्र निर्माण में इसकी प्रासंगिकता पर जोर दिया। उन्होंने समारोह में भाग लेने वाले हजारों छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की सराहना की और कहा कि यह एकता, देशभक्ति और सांस्कृतिक गौरव को बढ़ावा देने के लिए गोवा के समर्पण को दर्शाता है।
यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के उस दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसके तहत युवा पीढ़ी को अपनी विरासत की गहरी समझ और जिम्मेदारी की भावना से लैस किया जाना है, जिससे अंततः भारत प्रगति, आत्मनिर्भरता और उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर होगा।