भारत में पार्लियामेंट-20 समिट यानी P20 का आयोजन हो रहा है इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने पी-20 देश के नेताओं को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह समिट एक महाकुंभ है आप सभी लोगों का यहां आना शुभ है।
भारत में इन दोनों त्यौहारी सीजन चल रहा है,पी 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन 13 और 14 अक्टूबर को हो रहा है। जी-20 देश के संसद अध्यक्ष और सभापति इस आयोजन में हिस्सा ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने पी-20 समिट को संबोधित करते हुए इसराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को लेकर जिक्र किया और कहां की दुनिया के कोने में जो कुछ भी हो रहा है,उससे कोई अछूता नहीं है हमें दुनिया को एक परिवार की तरह देखना होगा यह शांति का समय है,संघर्ष किसी के हित की बात नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सबको एक साथ चलना चाहिए इसराइल और हमास के बीच पिछले एक हफ्ते से युद्ध जारी है जिसमें अब तक हजारों लोगों की मौत हो गई है।
तो वहीं पी20 समिट में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की संसद पर हुए आतंकी हमले की बात भी कहीं और कहा कि आतंकवादियों ने भारत की संसद पर हमला किया था, आतंक दुनिया के लिए चुनौती है, यह दुनिया के किसी भी कोने में हो सकता है। इसे लेकर हम शक्ति भारत नहीं चाहिए। आतंकवाद की परिभाषा को लेकर आम सहमति नहीं होना दुखद है। आज दुनिया को टकराव से जूझना पड़ रहा है जो किसी के लिए भी हित में नहीं है यह शांति और भाईचारे का वक्त है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब दुनिया को एहसास हो रहा है कि आतंकवाद दुनिया के लिए कितनी बड़ी चुनौती है।आतंकवाद चाहे कहीं भी हो किसी भी वजह से हो किसी भी तौर पर हो लेकिन वह मानवता के विरुद्ध होता है,उन्होंने कहा कि ऐसे में हमें आतंकवाद को लेकर सख्ती बरतने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहां की आतंकवाद का एक वैश्विक पक्ष है,जिसकी तरफ मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। अभी तक आतंकवाद की परिभाषा को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई है। यह बहुत दुखद है। आज भी यूनाइटेड नेशन में इंटरनेशनल कन्वेंशन ऑन कांबैटिंग टेररिज्म कंसेसस का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया के इसी रवैया का फायदा मानवता के दुश्मन उठा रहे हैं,दुनिया भर की संसद के रिप्रेजेंटेटिव को सोचना होगा कि आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में हम कैसे मिलकर काम कर सकते हैं।