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अंतरिक्ष में भारत ने रचा इतिहास

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अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत देश के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण है अंतरिक्ष में भारत में बड़ी छलांग लगाई है। तमाम मुश्किलों और चुनौतियों से पार होते हुए इसरो ने गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट लॉन्च कर इतिहास रच दिया है।

इसरो ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से गगनयान के थ्रू मॉड्यूल को सफलतापूर्वक लॉन्च किया इस टेस्ट व्हीकल एयरपोर्ट मिशन वन और टेस्ट व्हीकल डेवलपमेंट फ्लाइंट भी कहा जा रहा है।

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि उन्हें खुशी है कि टीवी dv1 क्रु मॉड्यूल मिशन का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया इसके लिए उन्होंने पूरी इसरो टीम को बधाई दी।

टेस्ट व्हीकल एस्ट्रोनॉट के लिए बनाए गए ट्री मॉड्यूल को अपने साथ ऊपर ले गया है यह रॉकेट क्रेमोरियल को साथ लेकर सारे 16 किलोमीटर तक ऊपर जाएगा फिर बंगाल की खाड़ी में लैंड होगा इससे पहले 8:00 बजे इस मिशन को लॉन्च करना था लेकिन एक समस्या के कारण इसे 8:45 पर फिर से शेड्यूल किया गया लॉन्च से पहले इंजन ठीक तरह से काम नहीं कर पाया जिसकी वजह से इसकी लांचिंग को रद्द करना पड़ा।

इससे पहले इसरो के ने लॉन्चिंग टलने पर बताया कि हमें यह पता लगा रहे की गड़बड़ी कहां हुई है,उन्होंने कहा कि टेस्ट व्‍हीकल पूरी तरह सुरक्षित है लेकिन इंजन वक्त पर चालू नहीं हो पाया इसरो खामियों का विश्लेषण करेगी और जल्दी ही इसे दुरुस्त किया जाएगा इस लिफ्ट बंद कर देते वक्त रद्द कर दिया गया किसी वजह से स्वचालित लॉन्च बाधित हो गया और कंप्यूटर ने लॉन्च को रोक दिया हम मैनुअल तरीके से खामियों का विश्लेषण करेंगे।‘’

आपको बता दे कि इस टेस्ट उड़ान की सफलता गगनयान मिशन के आगे की सारी प्लानिंग की रूपरेखा तय की जाएगी इसके बाद एक साथ एक और टेस्ट फ्लाइट होगी जिसमें ह्यमेनॉयड रोबोट व्‍योममित्र को भेजा जाएगा और बोर्ड टेस्ट का मतलब होता है अगर कोई परेशानी हो तो एस्ट्रोनॉट के साथ यह मॉड्यूल उन्हें सुरक्षित नीचे ले आएगा।

गगनयान मिशन का लक्ष्य 2025 में तीन दिवसीय मिशन के तहत मनुष्यों को 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और उन्हें सुरक्षित तरीके से पृथ्वी पर वापस लाना है क्रोम ऑडियो के अंदर ही भारतीय अंतरिक्ष यात्री यानी गगन नोट्स बैठकर धरती के चारों तरफ 400 किलोमीटर की ऊंचाई वाली निचली कक्षा में चक्कर लगाएगी इसरो अपने प्रशिक्षण यह प्रदर्शन टीवी d1 एकल चरण तरल प्रबोधन रॉकेट के सफल प्रक्षेपण की कोशिश करेगा स्क्रू मॉड्यूल के साथ प्रशिक्षण यह मिशन गगनयान कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

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