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फिर भारत आ सकते हैं जो बायडेन

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भारत और अमेरिका के रिश्ते गहराई से आगे बढ़ रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी और जो बायडेन की दोस्ती भी दुनिया भर में चर्चा का विषय है, हालांकि इससे पहले बराक ओबामा के साथ भी प्रधानमंत्री की दोस्ती चर्चा का विषय रही है।

दोनों देशों के बीच गहरे रिश्ते की चर्चा के बीच में ही खबर सामने आ रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन एक बार फिर से भारत दौरे पर आ सकते हैं। गौरतलब है कि जो बायडेन जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री के न्‍योते पर भारत आए थे।

 प्रधानमंत्री मोदी ने अगले साल गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में जो बायडेन को मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है लेकिन फिलहाल बायडेन की तरफ से कार्यक्रम को कोई मंजूरी नहीं मिली है।

 प्रधानमंत्री मोदी ने अगले साल गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में जो बायडेन को मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है लेकिन फिलहाल बायडेन की तरफ से कार्यक्रम को कोई मंजूरी नहीं मिली है।

इस बात की जानकारी भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सिटी ने मीडिया को दी है,उनके मुताबिक यह निमंत्रण भारत के नई दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले हुई द्विपक्षीय बैठक के दौरान दिया गया था।

 भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सिटी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी का न्‍योता दोनों देशों के बीच गहरे संबंध को दर्शाता है,उनका कहना है कि आने वाले वक्त में दोनों ही देश के संबंध मजबूती से आगे बढ़ेंगे।

अमेरिकी राजदूत एरिक की तरफ से कहा गया की जी-20 समिट के मौके पर द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन को गणतंत्र दिवस समारोह के लिए आमंत्रित किया हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने क्वाड का जिक्र नहीं किया मुझे इसकी जानकारी नहीं है।

इससे पहले भी मीडिया की खबरों के मुताबिक भारत गणतंत्र दिवस समारोह के लिए सभी क्वाड नेताओं को आमंत्रित करने पर विचार कर रहा है, क्‍वाड मोर्चे पर भारत बड़ा रणनीतिक कदम उठाने की तैयारी में है।

 क्‍वाड नेताओं में ऑस्ट्रेलिया प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बेनीस और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा का नाम भी शामिल है लेकिन फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है ना ही इसकी कोई जानकारी है।

गौरतलब है की गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लेने के लिए निमंत्रण मायने रखता है, यह भारत के रणनीतिक, राजनीतिक संबंधों और साझेदारी को भी दर्शाता है।

वैसे तो आमतौर पर देखा गया है कि गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर एक महत्वपूर्ण सहयोगी देश के राष्ट्रीय अध्यक्ष को बुलाया जाता है,इसके लिए मेहमानों की उपलब्धता के बारे में एक अनौपचारिक पुष्टि के बाद निमंत्रण भेजा जाता है।

आपको यह भी बता दे कि भारत 2024 में आगामी क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला देश है। जो क्षेत्र में भू राजनीतिक गतिशीलता विकसित करने, वैश्विक रणनीतिक विकास में अपनी भूमिका को आगे बढ़ाने और क्‍वाड देश के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण कार्यक्रम करेगा।

खबरें ऐसी भी निकल कर सामने आ रही है कि अगर जो बायडेन मुख्य अतिथि के तौर पर भारत में आने को सहमत हो जाते हैं तो क्‍वाड शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले 25 जनवरी को ही आयोजित किया जा सकता है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया 26 जनवरी को अपना राष्ट्र दिवस मनाता है,ऐसे में प्रधानमंत्री अल्बेनीस क्‍वाड में शामिल नहीं हो पाएंगे।

खास तौर से चीन और कनाडा के साथ खराब संबंधों को देखते हुए आने वाले गणतंत्र दिवस कार्यक्रम और क्‍वाड शिखर सम्मेलन पर दुनिया भर की नजरें टिकी हुई है,इसे भारत की राजनीतिक ताकत को बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

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