ओडिशा के मयूरभंज जिले से एक मामला सामने आया है यहां पर रह रही एक आदिवासी महिला ने अपनी आठ माह की बेटी को केवल 800 रुपए में बेच दिया। महिला की पहचान मयूरभंज जिले के बिप्रचरणपुर गांव की रहने वाली करामी मुर्मू नामक महिला के रूप में हुई है। दरअसल महिला के पहले से एक बेटी थी इस बार भी बेटी के होने से वह नाखुश थी। महिला ने अपने पति मुसु मुर्मू से छुपकर इस वारदात को अंजाम दिया था। जब महिला के पति को इस बारे में पता चला तो उसने तुरंत इसकी शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने फिलहाल आरोपी महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
गरीबी से तंग आकर दिया वारदात को अंजाम
जानकारी के मुताबिक यह आदिवासी कपल बिप्रचरणपुर गांव का रहने वाला है। उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। महिला को पहले ही एक बेटी थी जब उसे दूसरी बेटी हुई तो वह बेहद परेशान रहने लगी। उसने अपने पड़ोसी माही मुर्मू को बताया कि वह बच्ची की परवरिश नहीं कर पा रही है। माही मुर्मू जो कि दलाल के रूप में काम करता है, उसने बच्ची के लिए खरीदार ढूंढे। आरोपी महिला ने अपनी आठ महीने की बेटी को सौदा तय होने के बाद अखिल मरांडी और फुलमणि को सौंप दिया।
बच्ची के पिता ने दी पुलिस में शिकायत
इस बीच बच्ची के पिता काम के सिलसिले में तमिलनाडु गए हुए थे। घर लौटकर उन्होंने अपनी पत्नी से अपनी दूसरी बेटी के बारे में पूछा। तब महिला ने उन्हें बताया की बच्ची की मृत्यु हो गई है। बाद में उसे आसपास रहने वाले लोगों से पता चला कि उसकी बेटी को बेच दिया गया है। जिसके बाद सोमवार को मुसु मुर्मू ने अपनी पत्नी और अन्य लोगों के खिलाफ खूंटा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने शिकायत मिलने पर तुरंत कार्यवाही करते हुए मंगलवार को आरोपी महिला समेत सभी आरोपियों को अपनी गिरफ्त में ले लिया। मयूरभंज के एसपी बटुला गंगाधर ने बताया कि फिलहाल बच्ची को देखभाल के लिए चाइल्डकेयर में भेज दिया गया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मानव तस्करी के लिए धारा 370 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।