देश रोज़ाना: भारत को आज़ाद कराने में कितने लोगों ने अपने जान की कुर्बानी दी है। यह तो सभी को याद ही होगा। लेकिन, क्या आप जानते है गोवा को आज़ाद कराने में कितना समय लगा था। गोवा पर पुर्तगालियों का कब्जा रहा था। जिसके बाद करीब 14 साल तक उनका राज रहा और फिर गोवा को आज़ादी दिलाई गई थी और उसे भारत का हिस्सा बनाया गया था। इसी दिन को याद रखने के लिए हर साल गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है।
15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों से तो मुक्ति मिल गई थी, लेकिन देश का एक हिस्सा ऐसा था, जो तब भी आजाद नहीं हो पाया था। वो जगह थी गोवा। गोवा पर 450 सालों से भी ज्यादा समय तक पुर्तगालियों का कब्जा रहा है। आजादी के बाद इसे भारत का हिस्सा बनने में करीब 14 साल का समय लगा था। गोवा को आजादी 19 दिसंबर 1961 को मिली।
जब भारत के बड़े क्षेत्र पर अंग्रेज शासन कर रहे थे तब गोवा, दमन और दीव पर पुर्तगाल का शासन था। गोवा को पुर्तगालियों से मुक्त कराने के लिए संघर्ष 19वीं शताब्दी में ही छोटे स्तर पर शुरू हो गया था। लेकिन सही मायने में गोवा की आजादी के लिए यहां पर स्वतंत्रता आंदोलन तब शुरू हुआ था, जब गोवा के राष्ट्रवादियों ने मिलकर 1928 में मुंबई में ‘गोवा कांग्रेस समिति’ का गठन किया था। इस समिति के अध्यक्ष डॉ.टी.बी.कुन्हा थे। इन्हें गोवा के राष्ट्रवाद का जनक माना जाता है। दो दशक तक ये आंदोलन तो चला, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
गोवा मुक्ति दिवस मनाने का मुख्य कारण लोगों को फिर से आज़ादी की याद दिलाना है। ताकि लोग इस बदलाव और बलिदान को हमेशा याद रखे। यह आज़ादी हमने केवल किताबों में पढ़ी है और तस्वीरों में देखी है। उस समय की घटनाओं का अंदेशा लगाना भी मुश्किल है।