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मणिपुर हिंसा : घर में आग लगाए जाने के बाद क्या बोले केंद्रीय मंत्री?

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मणिपुर। हिंसा प्रभावित मणिपुर में बीते एक महीने में कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है। जिसके साथ ही 50 हज़ार से अधिक लोगों को मजबूरन विस्थापन का दर्द सहना पड़ा। फिलहाल मणिपुर में हालात पटरी पर आते नज़र नहीं आ रहे हैं। उपद्रवियों की ओर से लगातार गोलीबारी और आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसी बीच गुरूवार को देर रात कुछ शरारती तत्वों ने केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के इंफाल के कोंगबा स्थित घर पर आग लगा दी। घटना के वक़्त केंद्रीय मंत्री घर पर मौजूद नहीं थे। हालांकि इस आगजनी से किसी के भी हताहत होने की खबर सामने नहीं आयी है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि घटना के दौरान वे किसी काम से कोच्चि में थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार घटना से एक दिन पहले उन्होंने मणिपुर हिंसा की हालिया घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार से बात भी की थी।

शांति की कोशिश नहीं आ रही पसंद – केंद्रीय मंत्री
मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को शांति बहाली की कोशिश पसंद नहीं आ रही है। इसलिए लगातार हालात बिगाड़ने की कोशिश की जा रह है। उन्होंने आगे कहा कि लोगों को समझाने की जरूरत है कि शांति ही एकमात्र हल है। इसलिए मैं शांति लाने और हिंसा को कम करने का हर संभव प्रयास करता रहूंगा। उन्होंने घटना की जानकारी देते हुए कहा कि शुक्र है कि बीती रात हुए हादसे में कोई घायल नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि उपद्रवी पेट्रोल बम लेकर आए थे तथा उनके घर के ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर को नुक्सान पंहुचा है। मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार बीते महीने भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था जब मैतेई समाज के लोगों ने अपनी ही कम्युनिटी के सांसद के घर पर हमला कर दिया था।

मणिपुर के हालात बिगड़ने के पीछे क्या था पूरा मामला?
हिंसा प्रभावित मणिपुर में बीते एक महीने से मैतेई और कुकी समुदाए के बीच अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग पर बवाल छिड़ा हुआ था। जिसके कारण बीते एक महीने में कई लोगों की मौत हो चुकी है और इसके साथ ही 50 हज़ार से भी ज़्यादा लोगों को विस्थापन के दुःख का सामना करना पड़ा। मंगलवार 13 जून को मणिपुर के इंफाल ईस्ट जिले में स्थित खमेनलोक इलाके में हुई हिंसा में 9 लोगों को जान गंवानी पड़ी। उग्रवादिओं द्वारा की गई गोलीबारी में 10 लोग घायल भी हुए थे।

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