MBBS Admission Karnataka: कर्नाटक ने केंद्र से मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की अतिरिक्त सीटें मंजूर करने की गुहार लगाई है। राज्य सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है। इस पत्र में कर्नाटक सरकार ने अनुरोध किया है कि वह शैक्षणिक सत्र 2025-26 से चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत सरकारी स्वायत्त मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की अतिरिक्त सीटें मंजूर करे। इससे मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई (प्रवासी भारतीय) के लिए आरक्षण शुरू किया जा सकेगा।
MBBS Admission Karnataka: एनएमसी को लिखा पत्र
कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरण प्रकाश पाटिल के मुताबिक उन्होंने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के अध्यक्ष को पत्र लिखा है। उन्होंने इसमें राज्य के 22 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए 508 अतिरिक्त एमबीबीएस सीटें (MBBS Admission Karnataka) सृजित करने का आग्रह किया है। पाटिल ने कहा कि अतिरिक्त सीटें और कुछ नहीं बल्कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्नातक-एमबीबीएस सीटों की वार्षिक स्वीकृत संख्या के मुकाबले अतिरिक्त सीटें सृजित करना है।
नई शिक्षा नीति का दिया हवाला
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटा (NRI Quota) के प्रस्ताव को उचित ठहराया है। उन्होंने स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश (MBBS Admission Karnataka) और अतिरिक्त सीटों के लिए यूजीसी के दिशा-निर्देशों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का हवाला दिया है। बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में वैश्विक पहुंच के लिए भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश पर जोर दिया गया है।
कई राज्यों में पहले से है प्रावधान
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और पुडुचेरी का उदाहरण भी दिया। बताते चलें कि यहां सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई छात्रों के लिए सात से 15 प्रतिशत कोटा का प्रावधान ( MBBS Admission Karnatak) है। इन राज्यों में मेडिकल कॉलेज एनआरआई छात्रों से पांच साल के पाठ्यक्रम के लिए 75 हजार से लेकर एक लाख अमेरिकी डॉलर की फीस लेता है। वहीं, कर्नाटक में केवल निजी मेडिकल कॉलेजों को ही एनआरआई छात्रों को लेने की अनुमति है। ये एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए एक करोड़ रुपये से 2.5 करोड़ रुपये तक का भुगतान करते हैं।